1.
निम्नलिखित में से किस विकल्प के सभी शब्द व्यंजन संधि से निर्मित हैं?
2.
संधि की दृष्टि से कौन सा विकल्प सुसंगत नहीं है?
3.
निम्नलिखित में से शब्द और उसमें प्रयुक्त प्रत्यय की दृष्टि से असंगत विकल्प है :
4.
विस्मयादिबोधक अव्ययों के विषय में कौन सा विवरण गलत है?
5.
निम्न में से कौन सा शब्द शुद्ध है?
6.
दिए गए विकल्पों में 'कोई' सर्वनाम है
7.
इनमें से वर्तनी की दृष्टि से कौन सा शब्द शुद्ध है?
8.
निम्नलिखित में से किस विकल्प के सभी शब्द संबंधबोधक अव्यय के उदाहरण नहीं हैं?
9.
अर्द्धशासकीय पत्र के संबंध में निम्न में से कौन सा कथन सही नहीं है?
10.
किस विकल्प में सभी शब्द स्त्रीलिंग हैं?
11.
'छात्र पूरे वर्ष बीमार था, फलतः उत्तीर्ण नहीं हो सका' वाक्य में प्रयुक्त अव्यय का प्रकार है
12.
'ङ्' वर्ण के परिचय संबंधी कौन सा विकल्प सही है?
13.
'लगातार, सदा, तुरंत' शब्द कौन से क्रियाविशेषण के उदाहरण हैं?
14.
निम्नलिखित गद्यांश के आधार दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए
प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा। हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं। दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है। 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है। मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं। मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो। अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है।
प्रश्न- लेखक के अनुसार संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त हैClear
15.
कौन सा युग्म अर्थ की दृष्टि से सही है?
16.
अंग्रेजी और उसके हिन्दी पारिभाषिक शब्द की दृष्टि से असंगत विकल्प है
17.
किस विकल्प में सभी शब्द हिन्दी शब्दकोश के अनुसार सही क्रम में हैं?
18.
निम्नांकित में से सारे तत्सम शब्दों वाला समूह है :
19.
किस विकल्प में तद्भव शब्द है?
20.
वर्तनी की दृष्टि से अशुद्ध शब्द है
21.
'Conspicuous' का हिन्दी पारिभाषिक शब्द है
22.
विलोम की दृष्टि से असंगत विकल्प कौन सा है?
23.
निम्नलिखित में से किस विकल्प में 'अक्षर' का अर्थ नहीं है?
24.
'Contagious' का हिंदी पारिभाषिक शब्द है
25.
'Counterfeiting' का हिंदी पारिभाषिक शब्द है
26.
निम्नलिखित में से जातिवाचक संज्ञा से निर्मित भाववाचक संज्ञा है :
27.
संधि-विच्छेद की दृष्टि से कौन सा विकल्प सही है?
28.
निश्चित समय के अन्दर किसी पत्र का उत्तर न प्राप्त होने की दशा में उत्तर प्राप्त करने के लिए कौन सा पत्र भेजा जाता है?
29.
एक वाक्य को दूसरे वाक्य से, अथवा एक वाक्यांश को दूसरे वाक्यांश से, अथवा एक पद-समूह से अलग दिखलाने के लिए किस विराम-चिह्न का प्रयोग किया जाता है?
31.
निम्न में से 'Compensation' शब्द का पारिभाषिक शब्द कौन सा नहीं है?
32.
निम्नलिखित में से शब्द-युग्म एवं उसके अर्थ की दृष्टि से असंगत विकल्प है :
33.
निम्नलिखित में से किस वाक्य में सही विराम-चिह्न का प्रयोग हुआ है?
34.
कार्यालय आदेश के संबंध में कौन सा कथन असंगत है?
35.
निम्नलिखित में से निविदा सूचना के संबंध में असंगत विकल्प छाँटिए :
36.
निम्नलिखित में से किस विकल्प के सभी शब्द परस्पर पर्यायवाची नहीं हैं?
37.
'अधिसूचना' के संबंध में कौन सा कथन सही नहीं है?
38.
निम्न में से कौन सा शब्द अशुद्ध है?
40.
निम्न में से शुद्ध शब्द की पहचान कीजिए :
41.
'Endorsement' का हिन्दी पारिभाषिक शब्द है
42.
इनमें से व्याकरणिक दृष्टि से शुद्ध वाक्य की पहचान कीजिए :
43.
इनमें से वर्तनी की दृष्टि से कौन सा शब्द शुद्ध है?
44.
किस विकल्प में अंग्रेजी-हिंदी पारिभाषिक शब्दों का सही मेल है?
45.
निम्नलिखित में से 'अर्कजा' किसका पर्यायवाची है?
46.
निम्न में से कौन सा शब्द शुद्ध है?
47.
निम्नांकित शब्दों में विदेशी शब्द है :
48.
व्यक्तिवाचक संज्ञा का जातिवाचक संज्ञा के रूप में प्रयोग किस वाक्य में हुआ है?
49.
इनमें से किस लोकोक्ति का अर्थ सही नहीं है?
50.
किस विकल्प में अंग्रेजी शब्द का हिंदी पारिभाषिक रूप सही लिखा हुआ है?
51.
निम्नांकित में से सारे तद्भव शब्दों वाला समूह है :
52.
किस विकल्प में सभी शब्द तत्सम हैं?
53.
कौन सा वर्ण-परिचय गलत है?
54.
अशुद्ध वर्तनी युक्त (सभी शब्दों वाले) विकल्प का चयन कीजिए।
55.
कौन सा रेखांकित शब्द संबंधबोधक अव्यय का उदाहरण नहीं है?
56.
किस शब्द में 'कु' उपसर्ग नहीं है?
57.
'वह चली है' वाक्य में कौन सा काल है?
58.
निम्नलिखित में से किस विकल्प में शब्द-युग्म का अर्थ-भेद सुमेलित नहीं है?
59.
निम्न में से पत्र का कौन सा प्रारूप है, जो एक साथ एकाधिक अधीनस्थ कार्यालयों, अधिकारियों, अनुभागों को प्रेषित किया जाता है?
60.
निम्नलिखित में से किस विकल्प में अंग्रेजी पारिभाषिक शब्द का हिंदी पारिभाषिक शब्द सही नहीं है?
61.
'आँखें लाल-पीली करना' मुहावरे का सही निकटतम अर्थ किस विकल्प में है?
62.
निम्नलिखित में से 'सु' उपसर्ग से निर्मित शब्द नहीं है :
63.
निम्नलिखित गद्यांश के आधार दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए
प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा। हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं। दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है। 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है। मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं। मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो। अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है।
प्रश्न- अधिनायकवादी व्यवस्था में लोगों में दायित्व की भावना का अभाव रहता है, क्योंकिClear
64.
निम्नलिखित शब्दों में तद्भव शब्द है :
65.
परिमाणवाचक क्रियाविशेषण का उदाहरण है
66.
'कुएँ की मिट्टी कुएँ में लगती है' लोकोक्ति का निकटतम अर्थ है-
67.
इनमें से वर्तनी की दृष्टि से कौन सा शब्द अशुद्ध है?
68.
हिन्दी स्वर-विषयक असंगत कथन है
69.
निम्नलिखित में से किस वाक्यांश के लिए प्रयुक्त शब्द असंगत है?
70.
'वह चलता होगा' वाक्य में क्रिया का काल-रूप है
71.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द 'इच्छा' का पर्यायवाची नहीं है?
72.
'नित्य पुल्लिंग' रूप शब्द कौन सा है?
73.
इनमें से कौन सा वाक्य व्याकरणिक दृष्टि से शुद्ध है?
74.
निम्नलिखित गद्यांश के आधार दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए
प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा। हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं। दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है। 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है। मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं। मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो। अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है।
प्रश्न- गद्यांश के अनुसार 'सम्पूर्ण' क्रांति से तात्पर्य उस क्रांति से हैClear
75.
समुच्चयबोधक अव्यय युक्त वाक्य है
76.
देवनागरी लिपि के मानक स्वरूप की दृष्टि से असंगत कथन है
77.
'अनिश्चित जीविका' वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द है
78.
किस विकल्प के सभी शब्द गुणवाचक विशेषण हैं?
79.
निम्नलिखित शब्दों का हिन्दी शब्दकोश के अनुसार सही क्रम होगा :
(I) क्वार, (II) क्षत्रिय, (III) कंगन, (IV) क्षोभ
विकल्प :
Clear
80.
'इधर-उधर की हाँकना' मुहावरे का अभिप्राय है
81.
'नौकरी मिल जाती तो मेरा संकट कट जाता।' यह वाक्य का कौन सा प्रकार है?
82.
संयुक्त व्यंजन 'क्ष्' किस वर्णों से मिलकर बना है?
83.
निम्न में से 'Approach' का हिंदी पारिभाषिक नहीं है :
84.
अंग्रेजी और उसके हिन्दी पारिभाषिक शब्द की दृष्टि से कौन सा विकल्प सही है?
85.
निम्नलिखित में से संधि की दृष्टि से त्रुटिपूर्ण विकल्प है :
86.
'Recognizance' के लिए हिंदी पारिभाषिक शब्द होगा
87.
किस वाक्य में सार्वनामिक विशेष नहीं है?
88.
निम्न में अग्र स्वर कौन सा है?
89.
किस शब्द में एकाधिक उपसर्गों का प्रयोग हुआ है?
90.
इनमें से किस मुहावरे का अभिप्रायगत अर्थ त्रुटिपूर्ण है?
91.
निम्नलिखित में से 'री' प्रत्यय से निर्मित शब्द है :
92.
निम्न में से किस लोकोक्ति का अर्थ सही है?
93.
देवनागरी लिपि के मानक स्वरूप की दृष्टि से कौन सा शब्द सही नहीं है?
94.
'र्' वर्ण किस वर्ग के अन्तर्गत आता है?
95.
निम्नलिखित में से किस शब्द-युग्म का अर्थ बेमेल है?
96.
प्रेरणार्थक क्रिया से युक्त वाक्य कौन सा है?
97.
किस वाक्य में संज्ञा बहुवचन रूप में प्रयुक्त हुई है?
98.
हिन्दी शब्दकोश में इनमें से क्रमानुसार सबसे पहले आने वाला शब्द है
99.
'दूध से दही बनता है' वाक्य में कारक है
101.
निम्न में से किस मुहावरे का निकटतम अर्थ गलत है?
102.
अर्थ के आधार पर वाक्य का भेद नहीं है
103.
'नाम-धराई होना' मुहावरे का निकटतम अर्थ है
104.
'वाक्यांश के लिए एक शब्द' के संबंध में असंगत विकल्प है
105.
निम्नलिखित में से अनेकार्थी शब्द की दृष्टि से बेमेल विकल्प है :
106.
इनमें से वर्तनी की दृष्टि से कौन सा शब्द अशुद्ध है?
107.
किस शब्द समूह में सभी शब्द तत्सम हैं?
108.
केवल विदेशी शब्दों का समूह कौन सा है?
109.
निम्नलिखित में से सही विलोम शब्द नहीं है :
110.
निम्न में से वर्तनी की दृष्टि से अशुद्ध शब्द का चयन कीजिए :
111.
सर्वनाम से निर्मित संज्ञा शब्द है
112.
निम्नलिखित में से किस शब्द में 'त्य' प्रत्यय का प्रयोग नहीं हुआ है?
113.
'धन के लिए परिश्रम करना पड़ता है' वाक्य में 'के लिए' की व्याकरणिक कोटि है
114.
'चोर चोरी से गया तो क्या हेरा-फेरी से गया' लोकोक्ति का सही अर्थ है
115.
किस वाक्य में निजवाचक सर्वनाम का प्रयोग नहीं हुआ है?
116.
निम्न में से रचना के आधार पर वाक्य का प्रकार है :
117.
सदैव बहुवचन में प्रयुक्त होने वाला शब्द है
118.
तिरस्कारवाची विस्मयादिबोधक के अन्तर्गत कौन सा शब्द आता है?
119.
मानक देवनागरी लिपि की दृष्टि से निम्नलिखित में से कौन सा संख्यावाचक शब्द अशुद्ध है?
120.
किस विकल्प में विराम-चिह्नों का समुचित प्रयोग हुआ है?
121.
'अग्नि' का पर्यायवाची शब्द नहीं है
122.
कारक की दृष्टि से असंगत है
123.
निम्नलिखित में से उपसर्ग रहित शब्द है :
124.
'जहाँ आकाश और पृथ्वी मिले हुए जान पड़ते हों' वाक्यांश के लिए सार्थक शब्द है
125.
किस वाक्य में सकर्मक क्रिया रूप है?
126.
हिन्दी शब्दकोश के अनुसार निम्नलिखित में से किस विकल्प में सभी शब्द क्रमानुसार सही रखे गए हैं?
127.
निम्नलिखित में से 'सुधा' का असंगत अर्थ-समूह है:
128.
किस विकल्प में सभी शब्द रीतिवाचक क्रियाविशेषण हैं?
129.
निम्नलिखित में कौन सा शब्द तत्सम नहीं है?
130.
केवल पुल्लिंग शब्दों का समूह कौन सा है?
131.
संधि की दृष्टि से कौन सा विकल्प सुसंगत नहीं है?
132.
निम्नलिखित में से 'चन्द्रमा' और 'कपूर' अर्थ का सूचक शब्द है :
133.
निम्नलिखित गद्यांश के आधार दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए
प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा। हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं। दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है। 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है। मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं। मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो। अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है।
प्रश्न- मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा किसे बताया गया है?Clear
134.
'अनुरक्त' का उपयुक्त विलोम है
135.
किस शब्द में 'आन' प्रत्यय नहीं है?
136.
निम्नांकित में से अंग्रेजी शब्द का असंगत हिंदी पारिभाषिक शब्द किस विकल्प में है?
137.
दो प्रत्यय वाला शब्द कौन सा है?
138.
इनमें से किस मुहावरे का निकटतम अर्थ सही नहीं है?
139.
इनमें से कौन सा वाक्य शुद्ध नहीं है?
140.
निम्न में से किस लोकोक्ति का भावार्थ सही नहीं है?
141.
किस शब्द में दो उपसर्गों का प्रयोग हुआ है?
143.
निम्नलिखित में से कौन सा शब्द शुद्ध है?
144.
किस विकल्प के सभी शब्द सदैव एकवचन क्रिया के साथ प्रयुक्त होते हैं?
145.
'जो' किस प्रकार का सर्वनाम है?
146.
'Charge' का हिन्दी पारिभाषिक शब्द नहीं है
147.
निम्नलिखित गद्यांश के आधार दिए गए प्रश्न का उत्तर दीजिए
प्रश्न यही है कि प्रेम की भावना, जिसे हमने संवाद और पहचान की अनिवार्य शर्त माना है, क्या मनुष्य को सिर्फ कला और धर्म में ही उपलब्ध हो सकती है, या वह हर मनुष्य का वरदान और सामाजिक व्यवस्था की बुनियादी प्रतिज्ञा भी बन सकती है? यह एक कसौटी है, जिसके आधार पर हमें अपनी सभ्यता, राज्य सत्ता और आर्थिक व्यवस्था को परखना होगा। हमें उन समस्त सिद्धान्तों, नीतियों, व्यवस्थाओं और क्रान्तियों को अस्वीकार करना पड़ेगा यदि वे मनुष्य की मनुष्य से पहचान को धुँधलाती हैं, उसके आत्म-उन्मूलन के भाव को गहरा करती हैं। दूसरे शब्दों में, हमें मानना होगा कि अधिनायकवादी व्यवस्था मनुष्य की पहचान और सार्थक संवाद के रास्ते में सबसे बड़ी बाधा है, क्योंकि वह उस मार्ग को ही अवरुद्ध कर देती है जिस पर हर अधूरा मनुष्य सम्पूर्ण बनने का स्वप्न देखता है। 'सम्पूर्ण क्रान्ति' के बारे में अलग-अलग अटकलें लगाई जाती हैं, किन्तु हम इस छोटे-से सरल सत्य को भूल जाते हैं कि वही क्रान्ति सम्पूर्ण होती है जिसकी परिकल्पना में सम्पूर्ण मनुष्य होता है। मनुष्य ने अपनी सम्पूर्णता का बिम्ब जो आज तक कला और धर्म में देखा है, क्या उसे वह ऐसे समाज में उपलब्ध कर सकता है जहाँ वह स्वप्न में नहीं अपने दैनिक यथार्थ में सम्पूर्ण हो सके? यह एक बिन्दु है, यहाँ मनुष्य, ईश्वर और कलाकार बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार करते हैं। मुझे इसमें रंचमात्र भी सन्देह नहीं कि साक्षात्कार की यह सम्भावना केवल लोकतन्त्र में ही फलीभूत हो सकती है, अधिनायकवादी व्यवस्था में नहीं, उसका रूप चाहे कुछ भी हो। अधिनायकवादी व्यवस्था में दायित्व नहीं, डर रहता है, जबकि दायित्व की असली भावना केवल मनुष्य की स्वतन्त्रता से उत्प्रेरित होती है।
प्रश्न- लेखक के अनुसार मनुष्य, ईश्वर और कलाकार में बराबरी के आधार पर एक-दूसरे से साक्षात्कार की संभावना निहित हैClear
148.
इनमें से व्याकरणिक दृष्टि से कौन सा वाक्य शुद्ध है?
149.
'नानी क्वाँरी मर गई, नवासे के नौ-नौ ब्याह' लोकोक्ति का उपयुक्त अर्थ है
150.
हिंदी पारिभाषिक रूप की दृष्टि से असंगत विकल्प का चयन कीजिए।