किसी प्रकार का कर्तव्य/दायित्व किसी व्यक्ति को सौंपने की क्रिया अथवा विशेष रूप से कोई अधिकार/प्रपत्र जो इस प्रकार के अधिकार किसी व्यक्ति को किसी पद पर कार्य करने के लिए प्रदान करता है, आयोग कहलाता है।
आयोग के प्रकार :-
आयोग के तीन प्रकार हैं। जैसे-
संवैधानिक आयोग
वैधानिक (सांविधिक) आयोग
कार्यकारी आयोग
1. संवैधानिक आयोग :-
परिभाषा : वह आयोग जिनका प्रावधान (उल्लेख) संविधान में किया गया हो, संवैधानिक आयोग कहलाते हैं। जैसे-
(I) राज्य लोक सेवा आयोग : राज्य लोक सेवा आयोग का प्रावधान संविधान के भाग 14 तथा अनुच्छेद 315 से 323 तक में किया गया है।
(II) राज्य निर्वाचन आयोग : राज्य निर्वाचन आयोग का प्रावधान संविधान के भाग 9 व 9 (A) तथा अनुच्छेद 243 (K) व 243 (ZA) में किया गया है।
2. वैधानिक (सांविधिक) आयोग :-
परिभाषा- वह आयोग जिनकी स्थापना किसी अधिनियम के माध्यम से की गई हो, वैधानिक (सांविधिक) आयोग कहलाते हैं। जैसे-
(I) राज्य मानवाधिकार आयोग (एसएचआरसी) : राज्य मानवाधिकार आयोग की स्थापना “मानवाधिकार सरंक्षण अधिनियम, 1993” के माध्यम से की गई है।
(II) राज्य सूचना आयोग (एसआईसी) : राज्य सूचना आयोग की स्थापना “सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005” की धारा 15 के माध्यम से की गई है।
(III) लोकायुक्त : केंद्रीय स्तर पर लोकपाल एवं राज्य स्तर पर लोकायुक्त संस्थाओं की स्थापना बहुप्रतीक्षित “लोकपाल और लोकायुक्त अधिनियम, 2013” (2014 का अधिनियम सं. 1) के माध्यम से की गई है।
वैधानिक आयोग को सांविधिक आयोग भी कहा जाता है।
3. कार्यकारी आयोग :-
परिभाषा- वह आयोग जिनकी स्थापना किसी कार्यकारी आदेश के माध्यम से की गई हो, कार्यकारी आयोग कहलाते हैं। जैसे-
(I) नीति आयोग : नीति आयोग की स्थापना केंद्र सरकार के कार्यकारी आदेश द्वारा की गई है।
(II) राज्य आयोजना बोर्ड : राज्य आयोजना बोर्ड की स्थापना राज्य सरकार के कार्यकारी आदेश द्वारा की गई है।
(III) मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद : मुख्यमंत्री सलाहकार परिषद की स्थापना राज्य सरकार के कार्यकारी आदेश द्वारा की गई है।