राजस्थान की उत्पत्ति
पृथ्वी (100%) पर पहले दो भाग स्थित थे जैसे-
- महाद्वीप (29%) :-
- अल्फ्रेड वेगनर के अनुसार सभी महाद्वीपों को संयुक्त रूप से ‘पैंजिया’ कहा जाता है।
- कालांतर में महाद्वीप (पैंजिया) का विस्थापन हुआ जिससे दो भागों का निर्माण हुआ जैसे-
- अंगारालैंड (लॉरेशिया) : पैंजिया का उत्तरी भाग, जिसमें निम्न शामिल हैं। जैसे-
- उत्तरी अमेरिका
- यूरोप
- उत्तरी एशिया
- भारत का केवल ट्रांस हिमालय वाला भाग इसमें शामिल है शेष भाग गोंडवाना लैंड में शामिल है।
- गोंडवानालैंड : पैंजिया का दक्षिणी भाग, जिसमें निम्न शामिल हैं। जैसे-
- भारत (राजस्थान)
- दक्षिण अमेरिका
- अफ्रीका
- दक्षिण एशिया
- ऑस्ट्रेलिया
- अंटार्कटिका
- अंगारालैंड (लॉरेशिया) : पैंजिया का उत्तरी भाग, जिसमें निम्न शामिल हैं। जैसे-
- टेथिस सागर :-
- यह एक भूसन्नति (जलीय भाग) है।
- यह अंगारालैंड व गोंडवानालैंड के मध्य स्थित है।
- हिमालय पर्वतमाला, उत्तर विशाल मैदान तथा थार के मरुस्थल का निर्माण टेथिस सागर पर हुआ है।
- महासागर (71%) :-
- अल्फ्रेड वेगनर के अनुसार सभी महासागरों को संयुक्त रूप से ‘पैंथालासा’ कहा जाता है।
- पैंथालासा का मूल महासागर ‘प्रशांत महासागर’ (46%) है।
राजस्थान की उत्पत्ति :-
- राजस्थान की उत्पत्ति दो भागों से हुआ है जैसे-
- गोंडवानालैंड : (इसका निर्माण पहले हुआ- प्राचीन)
- इससे राजस्थान के दो भागों की उत्पत्ति हुई-
- अरावली पर्वत माला
- हाड़ौती पठार
- इससे राजस्थान के दो भागों की उत्पत्ति हुई-
- टेथिस सागर : (इसका निर्माण बाद में हुआ- नवीनतम)
- इससे राजस्थान के दो भागों की उत्पत्ति हुई-
- मरुस्थल
- पूर्वी मैदान
- इससे राजस्थान के दो भागों की उत्पत्ति हुई-
- गोंडवानालैंड : (इसका निर्माण पहले हुआ- प्राचीन)
राजस्थान के भौतिक प्रदेशों का विभाजन :-
- निर्माण के आधार पर राजस्थान के भौतिक प्रदेशों का क्रम-
- अरावली पर्वत माला : पहले स्थान पर (राजस्थान का प्राचीनतम भौतिक प्रदेश)
- हाड़ौती पठार : दूसरे स्थान पर
- उपर्युक्त दोनों प्रदेश भारत के प्रायद्वीप पठार का भाग हैं।
- मरुस्थल : तीसरे स्थान पर
- पूर्वी मैदान : चौथे स्थान पर (राजस्थान का नवीनतम भौतिक प्रदेश)
- उपर्युक्त दोनों प्रदेश भारत के उत्तर विशाल मैदान का भाग हैं।
राजस्थान की स्थिति (अक्षांश एवं देशांतर)
- अक्षांश एवं देशांतर के अनुसार राजस्थान उत्तरी-पूर्वी गोलार्द्ध में स्थित है-
- अक्षांश के अनुसार राजस्थान उत्तरी गोलार्द्ध में स्थिति है।
- देशांतर के अनुसार राजस्थान पूर्वी गोलार्द्ध में स्थिति है।
- भारत के अनुसार राजस्थान उत्तर-पश्चिम दिशा में स्थित है।
- एशिया महाद्वीप के अनुसार राजस्थान दक्षिण-पश्चिम दिशा (दक्षिण-पश्चिम एशिया) में स्थित है।
राजस्थान की अक्षांशीय स्थिति :-
- अक्षांशीय मान/स्थिति : 23°03′ उत्तरी अक्षांश से 30°12′ उत्तरी अक्षांश तक
- उत्तर (30°12′) : सबसे उत्तरी बिन्दु/स्थान कोणा गाँव (श्री गंगानगर)
- दक्षिण (23°03′) : सबसे दक्षिणी बिन्दु/स्थान बोरकुंडा गाँव (बांसवाड़ा)
- अक्षांशीय मान में अन्तर/विस्तार (उत्तर-दक्षिण) : 7°09’/826 किलोमीटर (30°12′ – 23°03′)
- अक्षांशों की जानकारी :-
- 23°03′ = 23 डिग्री 3 मिनट
- 30°12′ = 30 डिग्री 12 मिनट
- 1° = 60 मिनट (60′)
- अक्षांश रेखाओं को जलवायु रेखाएं भी कहा जाता है।
राजस्थान की देशांतरीय स्थिति :-
- देशांतरीय मान/स्थित : 69°30′ पूर्वी देशांतर से 78°17′ पूर्वी देशांतर तक
- पूर्व (78°17′) : सबसे पूर्वी बिंदु या स्थान सिलाना/सिलावट गाँव (धौलपुर)
- पश्चिम (69°30′) : सबसे पश्चिमी बिंदु या स्थान कटरा/करडा गाँव (जैसलमेर)
- देशांतरीय मान में अंतर/विस्तार (पूर्व-पश्चिम) : 8°47’/869 किलोमीटर (78°17′ – 69°30′)
- धौलपुर (पूर्व) तथा जैसलमेर (पश्चिम) के मध्य देशांतर के अनुसार सूर्योदय एवं सूर्यास्त में समय का अंतराल 35 मिनट 8 सेकंड है।
- देशांतरों की जानकारी :-
- 1° देशांतर को पार करने में 4 मिनट (240 सेकंड) का समय लगता है। अर्थात् 1° देशांतर = 4 मिनट
- 1° देशांतर = 60′ देशांतर (4 मिनट)
- 1′ देशांतर = 4 सैकंड
- देशांतर रेखाओं को समय रेखा एवं तिथि रेखा भी कहा जाता है।
राजस्थान की मध्य स्थिति :-
- मध्य गाँव (भाग) :-
- लापोलाई गाँव (नागौर) : रेवेन्यू बोर्ड (अजमेर) के अनुसार
- गगराना (नागौर) : सेटेलाइट सर्वे के अनुसार
- मध्यवर्ती जिला : नागौर
23½° (23°30′) उत्तरी अक्षांश रेखा :-
- इसे कर्क रेखा या उत्तरी अयनांत के नाम से जाना जाता है।
- राजस्थान में कर्क रेखा :-
- बांसवाड़ा (सर्वाधिक) तथा डूंगरपुर जिलों से गुजरती है।
- कुल लम्बाई : 26 km (24 km बांसवाड़ा + 2 km डूंगरपुर)
- सबसे निकटतम स्थित शहर : कुशलगढ़ (बांसवाड़ा), कुशलगढ़ पहले ठिकाना था
- सबसे निकटतम स्थित तहसील : कुशलगढ़ (बांसवाड़ा)
- भारत में कर्क रेखा :-
- सबसे निकटमत स्थित शहर : उदयपुर (त्रिपुरा)
21 जून (21 June) :-
- इस दिन सूर्य की रोशनी 13 घण्टे, 27 मिनट रहती है।
- इस दिन उत्तरी गोलार्द्ध (भारत/राजस्थान) में सबसे बड़ा दिन व सबसे छोटी रात होती है।
- इस दिन दक्षिणी गोलार्द्ध में सबसे छोटा दिन व सबसे बड़ी रात होती है।
- इस दिन सूर्य की किरणें सीधी बांसवाड़ा जिले पर तथा सर्वाधिक तिरछी गंगानगर जिले पर गिरती है।
- 21 जून के दिन को कर्क संक्रांति भी कहा जाता है।
- 22 दिसम्बर को मकर संक्रांति कहा जाता है।
- अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस :-
- शुरुआत : 2015
- प्रतिवर्ष 21 जून को मनाया जाता है।
- 2022 थीम (8वाँ) : “मानवता के लिए योगा।”
- 2023 थीम (9वाँ) : “वसुधैव कुटुंबकम के लिए योग।”
- 2024 थीम (10वाँ) : “स्वयं और समाज के लिए योग।”
दिशाएं :-
- मुख्य दिशाएं 4 होती हैं। जैसे-
- उत्तर
- दक्षिण
- पूर्व
- पश्चिम
- कुल भौगोलिक दिशाएं 16 होती हैं। जैसे-
- उत्तर
- उत्तर-पूर्व
- उत्तर – उत्तर-पूर्व
- उत्तर-पश्चिम
- उत्तर – उत्तर-पश्चिम
- उत्तर-पूर्व
- दक्षिण
- दक्षिण-पूर्व
- दक्षिण – दक्षिण-पूर्व
- दक्षिण-पश्चिम
- दक्षिण – दक्षिण-पश्चिम
- दक्षिण-पूर्व
- पूर्व
- पूर्व – उत्तर-पूर्व
- पूर्व – दक्षिण-पूर्व
- पश्चिम
- पश्चिम – उत्तर-पश्चिम
- पश्चिम – दक्षिण-पश्चिम
- उत्तर
राजस्थान का विस्तार (क्षेत्रफल, आकृति, सीमा)
- राजस्थान का कुल क्षेत्रफल :-
- 3,42,239 वर्ग किलोमीटर
- 1,32,139 वर्ग मील
- विश्व के कुल क्षेत्रफल (100%) में-
- भारत का योगदान 2.4% है।
- राजस्थान का योगदान 0.25% है।
- भारत के कुल क्षेत्रफल (100%) में-
- राजस्थान का योगदान 10.41% है। (1 नवंबर, 1956 (राजस्थान एकीकरण) से वर्तमान तक)
- राजस्थान के कुल क्षेत्रफल (100%) में-
- जैसलमेर का योगदान 11.22% है।
- जैसलमेर राजस्थान का एकमात्र ऐसा जिला है जो राजस्थान के कुल क्षेत्रफल का 10% से अधिक क्षेत्रफल घेरता है।
- जैसलमेर, धौलपुर जिले से 12.66 गुना बड़ा है।
- धौलपुर का योगदान 0.89% है।
- जैसलमेर का योगदान 11.22% है।
- क्षेत्रफल की दृष्टि से राजस्थान का भारत में प्रथम स्थान है।
- वर्तमान में राजस्थान में कुल 50 जिले है।
- 2011 की जनगणना के अनुसार राजस्थान में कुल 297 शहर स्थित है।
- राजस्थान का क्षेत्रफल की दृष्टि से-
- सबसे बड़ा जिला जैसलमेर है।
- सबसे छोटा जिला दूदू है। (पहले धौलपुर)
- सबसे बड़ा संभाग जोधपुर है।
- सबसे छोटा संभाग बांसवाड़ा है।
क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के बड़े राज्य :-
- क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत के चार बड़े राज्य निम्न है। (क्रमशः)-
- राजस्थान (सबसे बड़ा)
- मध्य प्रदेश
- महाराष्ट्र
- उत्तर प्रदेश
- 1 नवम्बर 2000 से पहले क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य मध्य प्रदेश था।
- 1 नवम्बर 2000 को मध्य प्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ को नया राज्य बनाया गया।
- 1 नवम्बर 2000 से राजस्थान क्षेत्रफल की दृष्टि से भारत का सबसे बड़ा राज्य है।
विश्व के देशों की तुलना में राजस्थान का क्षेत्रफल :-
- क्षेत्रफल में राजस्थान-
- फिनलैंड, जर्मनी, पोलैंड, जापान तथा नॉर्वे के लगभग बराबर है।
- ब्रिटेन से 2 गुना बड़ा है।
- श्रीलंका से 5 गुना बड़ा है।
- इजराइल से 17 गुना बड़ा है।
राजस्थान की आकृति
- टी.एच. हेंडले के अनुसार राजस्थान की आकृति “रोमबस” (विषमकोणीय चतुर्भुज/पतंगाकार) है।
राजस्थान के जिलों की आकृतियां
क्र. सं. | जिला | आकृति |
---|---|---|
1 | हनुमानगढ़ | कुर्सी जैसी |
2 | दौसा | धनुषाकार |
3 | चित्तौड़गढ़ | घोड़े की नाल या इल्ली जैसी |
4 | जैसलमेर | बहुभुजाकार या सप्तभुजाकार |
5 | राजसमंद | पानी की बूंद जैसी या तिलक जैसी |
राजस्थान की सीमा
- राजस्थान की कुल सीमा : 5920 किलोमीटर (100%)
- अंतर्राष्ट्रीय सीमा : 1070 किलोमीटर (लगभग 18%)
- अंतर्राज्यीय सीमा : 4850 किलोमीटर (लगभग 82%)
1. राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा :-
- राजस्थान की अन्तर्राष्ट्रीय सीमा रेखा :-
- नाम : रैडक्लिफ रेखा
- नामकरण : सर सिरिल रैडक्लिफ के नाम पर
- मध्य : राजस्थान व पाकिस्तान
- निर्धारण :17 अगस्त, 1947 (सर सिरिल रैडक्लिफ द्वारा)
- कुल लम्बाई : 1070 किलोमीटर (राजस्थान की कुल सीमा का लगभग 18%)
- शुरुआती बिंदु : हिंदुमल कोट (श्री गंगानगर)
- अंतिम बिंदु : बाखासर या शाहगढ़ (बाड़मेर), इन दोनों में से प्राथमिकता बाखासर को देनी है।
- सीमा पर स्थित पाकिस्तान के दो राज्यों से लगती है। जैसे-
- पंजाब
- सिंध
- अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित राजस्थान के जिले : कुल 6 (पहले 4)
- श्री गंगानगर
- अनुपगढ़
- बीकानेर
- फलौदी (सबसे कम सीमा)
- जैसलमेर (सर्वाधिक सीमा)
- बाड़मेर
- राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित पाकिस्तान के जिले :-
- राजस्थान की अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर पाकिस्तान के 2 राज्यों के 9 जिलों की सीमा लगती है। जैसे- (क्रमशः)
- पाकिस्तान के पंजाब राज्य के जिले-
- बहावलनगर (पंजाब)
- बहावलपुर (पंजाब)
- रहीम यार खानपुर (पंजाब)
- पाकिस्तान के सिंध राज्य के जिले-
- घोटकी (सिंध)
- सुक्कुर (सिंध)
- खैरपुर (सिंध)
- संघर (सिंध)
- उमरकोट (सिंध)
- थारपाकर (सिंध)
नोट :-
𑇐 अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर स्थित निकटतम जिला मुख्यालय श्री गंगानगर है।
𑇐 अंतर्राष्ट्रीय सीमा पर सबसे दूर स्थित जिला मुख्यालय बीकानेर है।
𑇐 अंतर्राष्ट्रीय सीमा से सबसे दूर स्थित जिला मुख्यालय धौलपुर है।
2. राजस्थान की अंतर्राज्यीय सीमा :-
- कुल लम्बाई : 4850 किलोमीटर (राजस्थान की कुल सीमा का लगभग 82%)
- राजस्थान की अंतर्राज्यीय सीमा भारत के कुल 5 राज्यों के साथ लगती है। जैसे-
राजस्थान की अंतर्राज्यीय सीमा
क्र. सं. | सीमावर्ती राज्य (क्रमशः) | सीमा | राजस्थान के जिले | विशेषता |
---|---|---|---|---|
1 | पंजाब | 89 km (सबसे कम) | 1. श्री गंगानगर 2. हनुमानगढ़ | |
2 | हरियाणा | 1262 km | 1. हनुमानगढ़ 2. चुरू 3. झुंझुनूं 4. नीम का थाना 5. खैरथल-तिजारा 6. कोटपुतली-बहरोड़ 7. अलवर 8. डीग | 𑇐 वर्तमान में सीकर, जयपुर एवं भरतपुर जिलों की सीमा हरियाणा के साथ नहीं लगती है। |
3 | उत्तर प्रदेश | 877 km | 1. डीग 2. भरतपुर 3. धौलपुर | |
4 | मध्य प्रदेश | 1600 km (सबसे अधिक) | डांग क्षेत्र- 1. धौलपुर 2. करौली 3. सवाई माधोपुर हाडौती- 4. कोटा 5. बारां 6. झालावाड़ दक्षिणी राजस्थान- 7. भीलवाड़ा 8. चित्तौड़गढ़ 9. प्रतापगढ़ 10. बांसवाड़ा | 𑇐 कोटा की सीमा मध्य प्रदेश के साथ दो बार लगती है, किन्तु अविखण्डित जिला है। 𑇐 अंतर्राज्यीय सीमा पर सबसे लम्बी सीमा झालावाड़ जिले की लगती है। 𑇐 चित्तौड़गढ़ की सीमा मध्य प्रदेश के साथ दो बार लगती है, किन्तु विखण्डित जिला है। 𑇐 भीलवाड़ा, चित्तौड़गढ़ को दो भागों में विखण्डित (विभाजित) करता है। |
5 | गुजरात | 1022 km | अरावली के पूर्व में- 1. बांसवाड़ा 2. डूंगरपुर 3. उदयपुर अरावली के पश्चिम में- 4. सिरोही 5. सांचौर 6. बाड़मेर | 𑇐 अंतर्राज्यीय सीमा पर सबसे छोटी सीमा बाड़मेर जिले की लगती है। |
कुल | 5 राज्य | 4850 km | 29 जिले |
राजस्थान के सीमावर्ती जिले :-
- राजस्थान के सीमावर्ती जिले : कुल 29 (पहले 25)
- राजस्थान के अन्तरराज्यीय सीमा वाले जिले : कुल 25 (पहले 23)
- राजस्थान के केवल अन्तरराज्यीय सीमा वाले जिले : कुल 23 (पहले 21)
- राजस्थान के अन्तर्राष्ट्रीय सीमा वाले जिले : कुल 6 (पहले 4)
- राजस्थान के केवल अन्तर्राष्ट्रीय सीमा वाले जिले : कुल 4 (पहले 2)
- अन्तर्राष्ट्रीय व अन्तरराज्यीय दोनों सीमा वाले जिले : कुल 2
- राजस्थान के दो राज्यों के साथ सीमा बनाने वाले जिले : कुल 4
राजस्थान के सीमावर्ती जिले
क्र. सं. | सीमावर्ती जिले | अंतर्राज्यीय सीमा | अंतर्राष्ट्रीय सीमा |
---|---|---|---|
1 | श्री गंगानगर | पंजाब | पाकिस्तान |
2 | हनुमानगढ़ | पंजाब + हरियाणा | |
3 | चुरू | हरियाणा | |
4 | झुंझुनूं | हरियाणा | |
5 | नीम का थाना | हरियाणा | |
6 | खैरथल-तिजारा | हरियाणा | |
7 | कोटपुतली-बहरोड़ | हरियाणा | |
8 | अलवर | हरियाणा | |
9 | डीग | हरियाणा + उत्तर प्रदेश | |
10 | भरतपुर | उत्तर प्रदेश | |
11 | धौलपुर | उत्तर प्रदेश + मध्य प्रदेश | |
12 | करौली | मध्य प्रदेश | |
13 | सवाई माधोपुर | मध्य प्रदेश | |
14 | कोटा | मध्य प्रदेश | |
15 | बारां | मध्य प्रदेश | |
16 | झालावाड़ | मध्य प्रदेश | |
17 | भीलवाड़ा | मध्य प्रदेश | |
18 | चित्तौड़गढ़ | मध्य प्रदेश | |
19 | प्रतापगढ़ | मध्य प्रदेश | |
20 | बांसवाड़ा | मध्य प्रदेश + गुजरात | |
21 | डूंगरपुर | गुजरात | |
22 | उदयपुर | गुजरात | |
23 | सिरोही | गुजरात | |
24 | सांचौर | गुजरात | |
25 | बाड़मेर | गुजरात | पाकिस्तान |
26 | जैसलमेर | पाकिस्तान | |
27 | फलौदी | पाकिस्तान | |
28 | बीकानेर | पाकिस्तान | |
29 | अनुपगढ़ | पाकिस्तान |
राजस्थान के अंतःस्थलीय जिले :-
- अंतःस्थलीय जिले : वे जिले जो ना तो अंतर्राष्ट्रीय और ना ही अंतर्राज्यीय सीमा बनाते हैं।
- पहले राजस्थान में कुल 8 अंतःस्थलीय जिले थे।
- वर्तमान में राजस्थान में कुल 21 अंतःस्थलीय जिले है। जैसे-
राजस्थान के अंतःस्थलीय जिले
क्र. सं. | संभाग | अंतःस्थलीय जिले |
---|---|---|
1 | अजमेर | 1. अजमेर 2. ब्यावर 3. केकड़ी 4. शाहपुरा 5. नागौर 6. डीडवाना-कुचामन 7. टोंक |
2 | जयपुर | 1. जयपुर शहर 2. जयपुर ग्रामीण 3. दूदू 4. दौसा |
3 | जोधपुर | 1. जोधपुर शहर 2. जोधपुर ग्रामीण 3. बालोतरा |
4 | पाली | 1. पाली 2. जालौर |
5 | उदयपुर | 1. राजसमंद 2. सलूम्बर |
6 | भरतपुर | 1. गंगापुर सिटी |
7 | कोटा | 1. बूंदी |
8 | सीकर | 1. सीकर |
कुल | 21 |
राजस्थान के सर्वाधिक जिलों से सीमा बनाने वाले जिले :-
- जयपुर ग्रामीण, राजस्थान का एकमात्र ऐसा जिला है, जो सर्वाधिक जिलों के साथ सीमा बनाता है।
- जयपुर ग्रामीण कुल 11 जिलों व 4 संभागों के साथ सीमा बनाता है। जैसे-
क्र. सं. | संभाग | जिला |
---|---|---|
1 | जयपुर | 1. जयपुर शहर 2. दूदू 3. कोटपुतली-बहरोड़ 4. अलवर 5. दौसा |
2 | अजमेर | 1. अजमेर 2. टोंक 3. डीडवाना-कुचामन |
3 | सीकर | 1. सीकर 2. नीम का थाना |
4 | भरतपुर | 1. सवाई माधोपुर |
कुल | 4 | 11 |
राजस्थान के न्यूनतम जिलों से सीमा बनाने वाले जिले :-
- राजस्थान के दो मात्र ऐसे जिले हैं, जो न्यूनतम जिलों के साथ सीमा बनाते हैं। जैसे-
- जयपुर शहर : यह केवल जयपुर ग्रामीण जिले के साथ सीमा बनाता है।
- जोधपुर शहर : यह केवल जोधपुर ग्रामीण जिले के साथ सीमा बनाता है।
अजमेर :-
- अजमेर राजस्थान का दूसरा विखण्डित (खण्डित) जिला है।
- राजस्थान का पहला विखण्डित (खण्डित) जिला चित्तौड़गढ़ है।
- राजसमंद जिला अजमेर को दो भागों में विखण्डित (खण्डित) करता है।
राजसमंद :-
- राजसमंद जिले का जिला मुख्यालय एवं जिले का नाम एक समान नहीं है। अर्थात् राजसमंद जिले का नाम राजसमंद है लेकिन राजसमंद जिले का जिला मुख्यालय राजनगर है।
- राजसमंद जिला राजस्थान का एकमात्र ऐसा जिला है, जिसका जिला मुख्यालय जिले के नाम पर नहीं है।
राजस्थान का सीमावर्ती विवाद :-
- मानगढ़ पहाड़ियां (बांसवाड़ा) :
- यह राजस्थान एवं गुजरात राज्य के मध्य विवादित है।
- यह मानगढ़ हत्याकाण्ड के लिए प्रसिद्ध है, जो 17 नवंबर, 1913 में हुआ था।
राजस्थान के ऐतिहासिक एवं भौगोलिक स्थल
राजस्थान के ऐतिहासिक एवं भौगोलिक स्थल एवं उनकी वर्तमान स्थिति :-
- 1. वागड़ :-
- राजस्थान के दक्षिणी भाग को वागड़ कहा जाता है।
- विस्तार : बांसवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़
- माहि नदी को वागड़ की गंगा कहा जाता है।
- बांगड़/बांगर :-
- पुरानी जलोढ़ मिट्टी का क्षेत्र जो अरावली के पश्चिम में स्थित है, उसे बांगड़/बांगर कहा जाता है।
- विस्तार : पाली, नागौर. सीकर. झुंझुनूं
- 2. राठी :-
- 25 सेंटीमीटर से कम वर्षा वाले क्षेत्र को राठी कहा जाता है।
- विस्तार : बीकानेर, जैसलमेर, बाड़मेर
- इस क्षेत्र में राठी नस्ल की गाय भी पायी जाती है।
- राजस्थान की कामधेनु “राठी गाय” को कहा जाता है।
- नदियों में राजस्थान की कामधेनु “चम्बल नदी” को कहा जाता है।
- राठ/अहीरवाट :-
- यादव वंश/वंशजों द्वारा शासित प्रदेश को राठ प्रदेश/अहीरवाट कहा जाता है।
- विस्तार : अलवर, कोटपुतली
- 3. थली :-
- मरुस्थल का ऊँचा उठा हुआ भाग थली कहलाता है।
- विस्तार : बीकानेर, चुरू
- इस क्षेत्र (बीकानेर व चुरू) में कोई नदी नहीं है।
- तल्ली/प्लाया :-
- मरुस्थल में बालुका स्तूपों के मध्य निम्न भूमि को तल्ली/प्लाया कहा जाता है।
- यह सर्वाधिक जैसलमेर जिले में पायी जाती है।
- बारीश के दौरान तल्ली/प्लाया में पानी इकट्ठा होने से बनने वाली झीलों को प्लाया झील कहते हैं।
- 4. मरू :-
- राजस्थान के मरुस्थलीय क्षेत्र को मरू कहा जाता है, जिसका निर्माण टेथिस सागर पर हुआ है।
- विस्तार : मुख्यतः जैसलमेर, बीकानेर, बाड़मेर, जोधपुर
- मेरू :-
- अरावली पर्वतीय क्षेत्र को मेरू कहा जाता है, जिसका निर्माण गौंडवानालैंड से हुआ है।
- अरावली राजस्थान का प्राचीनतम भौतिक प्रदेश है।
- 5. माल प्रदेश :-
- हाड़ौती क्षेत्र/पठार को माल प्रदेश कहते हैं, जिसका निर्माण बेसाल्ट लावा से हुआ है।
- विस्तार : मुख्यतः कोटा, बारां, बूंदी, झालावाड़
- मालव प्रदेश :-
- प्रतापगढ़ एवं झालावाड़ को मालव प्रदेश कहा जाता है।
- यह क्षेत्र मध्य प्रदेश के मालवा पठार का भाग है।
- 6. बीहड़ :-
- चम्बल नदी के अवनालिका अपरदन से निर्मित उत्खात स्थलाकृतियों को बीहड़ कहा जाता है।
- इसे गड्ढों वाला क्षेत्र या उबड़ खाबड़ भूमि वाला क्षेत्र भी कहा जाता है।
- विस्तार : कोटा (सर्वाधिक विस्तार), बूंदी, सवाई माधोपुर, करौली, धौलपुर
- बीड़ :-
- शेखावाटी की चारागाह भूमियों को बीड़ कहा जाता है।
- मुख्य विस्तार : चूरू, सीकर, झुंझुनूं
- 7. भोराट :-
- यह एक पठारी क्षेत्र है।
- यह क्षेत्र कुंभलगढ़ हिल्स (राजसमंद) तथा गोगुंदा हिल्स (उदयपुर) के मध्य स्थित है।
- मेवाड़ अरावली की सर्वोच्च चोटी ‘जरगा हिल्स’ है, जो भोराट पठार पर स्थित है।
- भोमट :-
- यह एक पहाड़ी एवं पठारी क्षेत्र है।
- विस्तार : मुख्यतः डूंगरपुर व उदयपुर
- इस क्षेत्र में भील जनजाति अधिक पायी जाती है।
- 8. मेवात :-
- मेव जाति के क्षेत्र को मेवात कहा जाता है।
- विस्तार : अलवर, भरतपुर
- इस क्षेत्र में पायी जाने वाली गाय की नस्ल को मेवाती कहा जाता है।
- मेवाती ऊँट की भी एक नस्ल है।
- मेवल :-
- यह एक पहाड़ी क्षेत्र है, जो बांसवाड़ा व डूंगरपुर जिले के बीच स्थित है।
- 9. शेखावाटी :-
- शेखावत वंशजों द्वारा शासित प्रदेश को शेखावाटी कहा जाता है।
- विस्तार : चूरू, सीकर, झुंझुनूं
- तोरावाटी :-
- कांतली/कांटली नदी के अपवाह क्षेत्र को तोरावाटी कहा जाता है।
- विस्तार : नीम का नाथ जिला, सीकर जिला, झुंझुनूं जिला
- यह क्षेत्र तंवर वंशजों के लिए प्रसिद्ध है।
- 10. मत्स्य :-
- ऐतिहासिक काल में अलवर के दक्षिण-पश्चिमी भाग को मत्स्य कहा जाता था।
- मत्स्य क्षेत्र की राजधानी बैराठ थी।
- वर्तमान में बैराठ को विराट नगर के नाम से जाना जाता है, जो कोटपुतली-बहरोड़ (पहले जयपुर) में स्थित है।
- मत्स्य संघ :-
- राजस्थान एकीकरण के प्रथम चरण को मत्स्य संघ कहा जाता है। जो 18 मार्च 1948 को हुआ था।
- इसमें शामिल क्षेत्र : अलवर, भरतपुर, करौली, धौलपुर, नीमराना
- मत्स्य संघ शब्द के.एम. मुंशी द्वारा दिया गया।
- 11. बृजनगर या बृज क्षेत्र :-
- भरतपुर जिले के उत्तर प्रदेश राज्य से संलग्न क्षेत्र को बृजनगर या बृज क्षेत्र कहा जाता है।
- ब्रजनगर :-
- यह झालरापाटन का प्राचीन नाम था। जो की झालावाड़ जिले में स्थित है।
- 12. मारवाड़ :-
- राजस्थान के पश्चिमी क्षेत्र को मारवाड़ कहा जाता है।
- मुख्य विस्तार : जौधपुर संभाग
- मेरवाड़ा :-
- मुख्यतः अजमेर तथा राजसमंद जिले के आंशिक भाग को मेरवाड़ा कहा जाता है।
- मेवाड़ :-
- बप्पा रावल के वंशजों द्वारा शासित क्षेत्र को मेवाड़ कहा जाता है अर्थात् सिसोदिया राणा या सिसोदिया शाखाओं द्वारा शासित प्रदेश को मेवाड़ कहा जाता है।
- मुख्य विस्तार: उदयपुर, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, भिलवाड़ा
- 13. यौधेय प्रदेश :-
- ऐतिहासिक काल में राजस्थान के उत्तरी भाग को यौधेय प्रदेश कहा जाता था।
- विस्तार : श्री गंगानगर, हनुमानगढ़
- 14. जांगल प्रदेश :-
- मुख्यतः बीकानेर तथा जोधपुर के उत्तरी भाग को जांगल प्रदेश कहा जाता था।
- इसकी राजधानी अहिच्छत्रपुर थी।
- इसमें मुख्यतः कंटीली वनस्पति पायी जाती है।
- 15. अहिच्छत्रपुर :-
- यह नागौर जिले का प्राचीन नाम था।
- यह सपादलक्ष एवं जांगल प्रदेश की राजधानी थी।
- 16. सपादलक्ष :-
- चौहान वंशजों द्वारा शासित प्रदेश/क्षेत्र को सपादलक्ष कहा जाता है।
- मुख्य विस्तार : अजमेर एवं आंशिक विस्तार नागौर व जयपुर में
- 17. ढूंढाड़ प्रदेश :-
- ढूंढ़/ढूंढ नदी के क्षेत्र को ढूंढाड़ कहा जाता है।
- मुख्य विस्तार : जयपुर, टोंक, दौसा
- 18. कुरुक्षेत्र या कुरु प्रदेश :-
- अलवर के उत्तरी भाग को कुरुक्षेत्र कहा जाता है।
- इसकी राजधानी इंद्रप्रस्थ (दिल्ली) थी।
- मुख्य विस्तार : हरियाणा
- 19. शूरसेन प्रदेश या शूरसेन जनपद :-
- ऐतिहासिक काल में राजस्थान के पूर्वी भाग या पूर्वी राजस्थान को शूरसेन कहा जाता था।
- इसकी राजधानी मथुरा थी।
- विस्तार : भरतपुर, करौली, धौलपुर
- 20. हयाहय :-
- 18वीं व 19वीं शताब्दी में हाड़ा वंशजों के क्षेत्र को हयाहय कहा जाता था।
- विस्तार : मुख्यतः कोटा, बूंदी
- 21. चन्द्रावती :-
- यह सिरोही जिले का प्राचीन नाम चन्द्रावती था।
- यहाँ से भूकंपरोधी ईमारतें मिली है।
- 22. जाबालीपुर :-
- यह जालौर जिले का प्राचीन नाम था।
- यह जाबाली ऋषी के लिए प्रसिद्ध है।
- इस क्षेत्र में जाल वृक्ष अधिक पाये जाते हैं।
- 23. मालानी :-
- यह बाड़मेर जिले का प्राचीन नाम था।
- यह क्षेत्र मल्लीनाथ संत के लिए प्रसिद्ध है।
- 24. मांड :-
- मांड गायिकी के क्षेत्र को मांड प्रदेश या मांड कहा जाता है। जिसका विस्तार मुख्यतः जैसलमेर में है।
- वल्ल :-
- मांड के चारों ओर के क्षेत्र को वल्ल (जैसलमेर) कहा जाता है।
राजस्थान के संभाग एवं जिले
- राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा बजट 2022-23 की घोषणा के अन्तर्गत 21 मार्च 2022 को एक उच्च स्तरीय जिला पुनर्गठन समिति (रामलुभाया समिति) का गठन किया गया। जिसका अध्यक्ष श्री रामलुभाया (सेवानिवृत IAS) को बनाया गया।
- राजस्थान सरकारा द्वारा-
- 17 मार्च, 2023 को बजट 2023-24 में पहली बार 19 नये जिलों व 3 नये संभागों के पुनर्गठन की घोषणा की गई।
- 5 अगस्त, 2023 को 19 नये जिलों व 3 नये संभागों के पुनर्गठन की अधिसूचना जारी की गई।
- 6 अगस्त, 2023 को 19 नये जिलों व 3 नये संभागों के पुनर्गठन की अधिसूचना प्रकाशित की गई।
- 7 अगस्त, 2023 को 19 नये जिलों व 3 नये संभागों के पुनर्गठन को लागू किया गया।
- राजस्थान के नवीनतम संभाग :-
- सीकर संभाग
- पाली संभाग
- बांसवाड़ा संभाग
- पहले राजस्थान में कुल 7 संभाग व 33 जिले थे।
- वर्तमान में राजस्थान में कुल 10 संभाग व 50 जिले हैं।
- वर्तमान 50 जिले (33 + 19 = 52 – जयपुर, जोधपुर = 50)
राजस्थान के नवीनतम जिलों की सूची
क्र.सं. | जिला | जिस से बनाया गया |
---|---|---|
1 | जयपुर शहर | जयपुर |
2 | जयपुर ग्रामीण | जयपुर |
3 | दूदू | जयपुर |
4 | कोटपूतली-बहरोड़ | जयपुर व अलवर |
5 | खैरथल-तिजारा | अलवर |
6 | जोधपुर शहर | जोधपुर |
7 | जोधपुर ग्रामीण | जोधपुर |
8 | फलौदी | जोधपुर |
9 | अनूपगढ़ | श्री गंगानगर व बीकानेर |
10 | बालोतरा | बाड़मेर |
11 | सांचौर | जालौर |
12 | सलूम्बर | उदयपुर |
13 | डीडवाना-कुचामन | नागौर |
14 | नीम का थाना | सीकर व झुंझुनूं (उदयपुरवाटी व खेतड़ी) |
15 | डीग | भरतपुर |
16 | ब्यावर | अजमेर, पाली व भीलवाड़ा |
17 | केकड़ी | अजमेर व टोंक |
18 | शाहपुरा | भीलवाड़ा |
19 | गंगापुर सिटी | करौली व सवाई माधोपुर |
राजस्थान के संभाग व जिलों की सूची
क्र.सं. | संभाग | जिला | विशेषता |
---|---|---|---|
1 | अजमेर | 1. अजमेर 2. ब्यावर (नया) 3. केकड़ी (नया) 4. शाहपुरा (नया) 5. नागौर 6. डीडवाना-कुचामन (नया) 7. टोंक | 𑇐 यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा संभाग है, जो पुर्णतः अंतःस्थलीय है। |
2 | जयपुर | 1. जयपुर शहर (नया) 2. जयपुर ग्रामीण (नया) 3. दूदू (नया) 4. कोटपूतली-बहरोड़ (नया) 5. अलवर 6. खैरथल-तिजारा (नया) 7. दौसा | |
3 | जोधपुर | 1. जोधपुर शहर (नया) 2. जोधपुर ग्रामीण (नया) 3. फलौदी (नया) 4. बाड़मेर 5. बालोतरा (नया) 6. जैसलमेर | |
4 | भरतपुर | 1. भरतपुर 2. डीग (नया) 3. धौलपुर 4. करौली 5. गंगापुर सिटी (नया) 6. सवाई माधोपुर | |
5 | उदयपुर | 1. उदयपुर 2. चित्तौड़गढ़ 3. राजसमंद 4. भीलवाड़ा 5. सलूम्बर (नया) | |
6 | बीकानेर | 1. बीकानेर 2. श्रीगंगानगर 3. हनुमानगढ़ 4. अनूपगढ़ (नया) | |
7 | कोटा | 1. कोटा 2. बारां 3. बूंदी 4. झालावाड | |
8 | सीकर (नया) | 1. सीकर 2. झुंझुनूं 3. चुरू 4. नीम का थाना (नया) | |
9 | पाली (नया) | 1. पाली 2. सिरोही 3. जालोर 4. सांचौर (नया) | |
10 | बांसवाड़ा (नया) | 1. बांसवाड़ा 2. प्रतापगढ़ 3. डूंगरपुर | 𑇐 यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा संभाग है, जो पुर्णतः अन्तर्राज्यीय सीमा पर स्थित है। 𑇐 यह राजस्थान का एकमात्र ऐसा संभाग है, जिसमें 60% से अधिक जनजातियां निवास करती है। 𑇐 यह राजस्थान का सबसे कम जिलो वाला संभाग है। |
कुल | 10 | 50 |