परिचय
- कृषि आर्थिक गतिविधि के प्राथमिक क्षेत्र में शामिल है।
- भारतीय (राजस्थान) कृषि मुख्यतः मानसून पर आधारित है, इस कारण कृषि को ‘मानसून का जुआ’ कहा जाता है।
- राजस्थान के पूर्वी मैदान में कृषि उत्पादकता अधिक होती है, इस कारण पूर्वी मैदान को राजस्थान में ‘कृषि का हृदय स्थल’ कहा जाता है।
- वर्ष :-
- सामान्य वर्ष का समय 1 जनवरी से 31 दिसंबर तक होता है।
- वित्तीय वर्ष का समय 1 अप्रैल से 31 मार्च तक होता है।
- कृषि वर्ष का समय 1 जुलाई से 30 जून तक होता है।
- राजस्थान का उत्तरी-पश्चिमी भाग, जो कुल क्षेत्रफल का लगभग 61% मरुस्थलीय या अर्द्ध मरुस्थलीय है, जो वर्षा पर निर्भर है।
- राजस्थान का दक्षिणी-पूर्वी भाग, जो कुल क्षेत्रफल का लगभग 39% है, उपजाऊ है।
- भारत को 15 कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया गया है।
- राजस्थान को जलवायु के आधार पर 10 कृषि जलवायु क्षेत्रों में विभाजित किया गया है। जैसे-
राजस्थान के कृषि जलवायु क्षेत्र
क्र. सं. | कृषि जलवायु क्षेत्र | सम्मिलित जिले | वर्षा | मुख्य खरीफ फसलें | मुख्य रबी फसलें | विशेषता |
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1 | शुष्क पश्चिमी मैदानी क्षेत्र (I-A) | जोधपुर शहर जोधपुर ग्रामीण फलौदी बाड़मेर बालोतरा | 20-35 cm | बाजरा, मोठ एवं तिल | गेहूं, सरसों एवं जीरा | 𑇐 यह राजस्थान का दूसरा सबसे बड़ा कृषि जलवायु क्षेत्र है। |
2 | उत्तरी पश्चिमी सिंचित मैदानी क्षेत्र (I-B) | श्रीगंगानगर हनुमानगढ़ अनूपगढ़ | 10-30 cm | कपास एवं ग्वार | गेहूं, सरसों एवं चना | 𑇐 इस क्षेत्र में नहरों से अधिक सिंचाई की जाती है। 𑇐 यह राजस्थान का दूसरा सबसे छोटा कृषि जलवायु क्षेत्र है। |
3 | अति शुष्क आंशिक सिंचित पश्चिमी मैदानी क्षेत्र (I-C) | बीकानेर जैसलमेर चुरू आंशिक (रतनगढ़, सरदारशहर, बीदासर एवं सुजानगढ़ तहसील) | 10-30 cm | बाजरा, मोठ एवं ग्वार | गेहूं, सरसों एवं चना | 𑇐 यह राजस्थान का नवीनतम कृषि जलवायु क्षेत्र है। 𑇐 यह राजस्थान का सबसे बड़ा कृषि जलवायु क्षेत्र है। |
4 | अन्तः स्थलीय जलोत्सरण के अन्तवर्ती मैदानी क्षेत्र (II-A) | सीकर नीम का थाना चुरू (रतनगढ़, सरदारशहर, बीदासर एवं सुजानगढ़ तहसील छोड़कर) झुन्झुनूं नागौर डीडवाना एवं कुचामन | 30-50 cm | बाजरा, ग्वार एवं दलहन | सरसों एवं चना | |
5 | लूनी नदी का अन्तवर्ती मैदानी क्षेत्र (II-B) | जालोर सांचौर सिरोही (पिण्डाड़ा, आबूरोड़ तहसील छोड़कर) पाली ब्यावर आंशिक (जैतारण एवं रायपुर तहसील) | 30-50 cm | बाजरा, ग्वार एवं तिल | गेहूं एवं सरसों | |
6 | अर्द्ध शुष्क पूर्वी मैदानी क्षेत्र (III-A) | अजमेर ब्यावर (जैतारण, रायपुर तहसील छोड़कर) जयपुर शहर जयपुर ग्रामीण दौसा टोंक दूदू केकड़ी खैरथल तिजारा कोटपूतली-बहरोड़ | 50-70 cm | बाजरा, ग्वार एवं ज्वार | गेहूं, सरसों एवं चना | |
7 | बाढ़ सम्भाव्य पूर्वी मैदानी क्षेत्र (III-B) | अलवर डीग भरतपुर धौलपुर करौली गंगापुर सिटी सवाईमाधोपुर | 50-70 cm | बाजरा, ग्वार एवं मूंगफली | गेहूं, जौ, सरसों एवं चना | |
8 | अर्द्ध आर्द्र दक्षिणी मैदानी क्षेत्र (IV-A) | उदयपुर चित्तौड़गढ़ (बड़ी सादडी तहसील छोड़कर) राजसमंद भीलवाड़ा शाहपुरा सिरोही आंशिक (पिण्डवाडा एवं आबूरोड़ तहसील) | 50-90 cm | मक्का, दलहन एवं ज्वार | गेहूं एवं चना | |
9 | आर्द्र दक्षिणी मैदानी क्षेत्र (IV-B) | बांसवाड़ा डूंगरपुर प्रतापगढ़ सलूम्बर चित्तौड़गढ़ की बड़ी सादडी तहसील | 50-110 cm | मक्का, धान, ज्वार एवं उड़द | गेहूं एवं चना | 𑇐 यह राजस्थान का सबसे छोटा कृषि जलवायु क्षेत्र है। |
10 | आर्द्र दक्षिणी पूर्वी मैदानी क्षेत्र (V) | कोटा बारां बूंदी झालावाड़ | 65-110 cm | ज्वार एवं सोयाबीन | गेहूं एवं सरसों |
कृषि के प्रकार
- कृषि को दो प्रकार से विभाजित किया गया है। जैसे-
- सामान्य प्रकार
- वैज्ञानिक प्रकार
1. सामान्य प्रकार
क्र. सं. | कृषि का प्रकार | परिभाषा/अर्थ | विशेषता |
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1 | मिश्रित कृषि | कृषि एवं पशुपालन संयुक्त रूप से करना। | 𑇐 यह राजस्थान में सर्वाधिक बाड़मेर (पश्चिमी राजस्थान) में की जाती है। |
2 | बारानी कृषि | मानसून पर आधारित कृषि | 𑇐 यह राजस्थान में सर्वाधिक बाड़मेर (पश्चिमी राजस्थान) में की जाती है। |
3 | शुष्क कृषि | 75 cm से कम वर्षा पर आधारित कृषि जैसे- बाजरा, मूँग, मोठ, ग्वार, चना | |
4 | आर्द्र कृषि | 75 cm से अधिक वर्षा पर आधारित कृषि जैसे- गन्ना, चावल, गेहूँ, कपास | |
5 | मोनोकल्चर | एक कृषि वर्ष में एक खेत में एक फसल का उत्पादन करना। | |
6 | ड्यूओकल्चर | एक कृषि वर्ष में एक खेत में दो फसलों का उत्पादन करना। | |
7 | ओलिगोकल्चर | एक कृषि वर्ष में एक खेत में तीन फसलों का उत्पादन करना। | |
8 | रिलेकल्चर | यह बहुफसल की एक पद्धति है जिसमें बोई गई फसल के साथ दूसरी फसल को बो दिया जाता है। | |
9 | खड़ीन कृषि | पश्चिमी राजस्थान में पालीवाल ब्राह्मणों द्वारा की जाने वाली कृषि | 𑇐 यह राजस्थान में मुख्यतः जैसलमेर में प्रचलित है। |
10 | झूमिंग कृषि | पेड़ों को काटकर एवं जलाकर की जाने वाली कृषि | 𑇐 राजस्थान में स्थानांतरित कृषि मुख्यतः बासवाड़ा, डूंगरपुर एवं उदयपुर में की जाती है। 𑇐 अन्य नाम :- 1. शिफ्टिंग कृषि या स्थानांतरित कृषि 2. कर्तन-दहन कृषि 3. राजस्थान में वालरा 4. राजस्थान के अरावली क्षेत्र में चिमाता 5. राजस्थान के मैदानी भाग में दजिया 6. आदिवासियों की कृषि 7. पर्यावरण की दुश्मन (पर्यावरण का दुश्मन सफेदे के पेड़ को कहा जाता है।) |
2. वैज्ञानिक प्रकार
क्र. सं. | कृषि का प्रकार | उत्पादन | विशेषता |
---|---|---|---|
1 | सेरीकल्चर | रेशम या रेशम कीट | 𑇐 भारत में रेशम का सर्वाधिक उत्पादन कर्नाटक में होता है। |
2 | पिसीकल्चर | मछली | |
3 | एपिकल्चर | शहद | |
4 | विटीकल्चर | अंगूर | |
5 | हॉटीकल्चर | बागवानी जैसे- फल, फूल, सब्जी | |
6 | पोमोकल्चर | फल | |
7 | फ्लोरीकल्चर | फूल | |
8 | ऑलेरीकल्चर | सब्जियां | |
9 | सिल्वीकल्चर | वन | |
10 | वर्मीकल्चर | केंचुआ या वर्मीकम्पोस्ट |
कृषि का वर्गीकरण
- कृषि का वर्गीकरण दो प्रकार से किया जाता है। जैसे-
- मौसम के आधार पर कृषि का वर्गीकरण
- उपयोग के आधार पर कृषि का वर्गीकरण
1. मौसम के आधार पर कृषि का वर्गीकरण
क्र. सं. | फसलों का प्रकार | फसलें | बुवाई | कटाई | तापमान |
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1 | खरीफ | 𑇐 खाद्यान्न/अनाज फसलें : बाजरा, चावल, मक्का, ज्वार, रागी 𑇐 दलहन फसलें : मूँग, मोठ, अरहर/तूअर, चवला, उड़द 𑇐 तिलहन फसलें : मूँगफली, सोयाबीन, तिल, अरण्डी, सूर्जमुखी 𑇐 नकदी फसलें : कपास, गन्ना, ग्वार, जूट/पटसन | जून – जुलाई | सितम्बर – अक्टूबर | 21°C – 28°C |
2 | रबी | 𑇐 खाद्यान्न/अनाज फसलें : गेहूँ, जौ 𑇐 दलहन फसलें : मसूर, चना, मटर 𑇐 तिलहन फसलें : सरसों, जीरा, राई, सौंफ 𑇐 सब्जी : प्याज, लहसुन, अदरक 𑇐 मसाला फसलें : मिर्च, धनिया, हल्दी, मैथी 𑇐 अन्य फसलें : तारा मीरा, ईसबगोल, अफीम, तम्बाकू, अलसी, अरसीम | अक्टूबर – नवम्बर | मार्च – अप्रैल | 15°C – 20°C |
3 | जायद | सब्जी, खरबुजा, तरबुजा, ककड़ी, पशुओं का चारा | मार्च – अप्रैल | मई – जून |
2. उपयोग के आधार पर कृषि का वर्गीकरण
क्र. सं. | फसलों का प्रकार | परिभाषा/ अर्थ | फसलें | विशेषता |
---|---|---|---|---|
1 | खाद्यान्न/अनाज फसलें | वे फसलें जो खाने के उपयोगी होती है। | 𑇐 खरीफ फसलें : बाजरा, चावल, मक्का, ज्वार 𑇐 रबी फसलें : गेहूँ, जौ | 𑇐 विश्व की प्रमुख खाद्यान्न फसल चावल है। 𑇐 भारत की प्रमुख खाद्यान्न फसल चावल है। 𑇐 राजस्थान की प्रमुख खाद्यान्न फसल बाजरा है। |
2 | दलहन फसलें (भूमि उर्वरक फसलें) | वे फसलें जो भूमि को उर्वर बनाती है या भूमि की उर्वरता को बढ़ाती है। | 𑇐 खरीफ फसलें : मूँग, मोठ, चवला, उड़द 𑇐 रबी फसलें : मसूर, चना, मटर 𑇐 अपवाद : अरहर/तूअर की दाल | 𑇐 राजस्थना की प्रमुख दलहन फसल चना है। 𑇐 अरहर/तूअर की दाल भूमि की उर्वरता को कम करती है। |
3 | तिलहन फसलें | वे फसलें जिनसे तेल प्राप्त होता है। | 𑇐 खरीफ फसलें : मूँगफली, सोयाबीन, अरण्डी, सूर्यमुखी. तिल 𑇐 रबी फसलें : सरसों, राई, अलसी, तारामीरा | 𑇐 राजस्थान की प्रमुख तिलहन फसल सरसों है। |
4 | नकदी/ व्यापारिक फसलें | वे फसलें जो उद्योगों में उपयोगी होती अर्थात् वे फसलें जिनकी उद्योगों में माँग अधिक होती है। | कपास, गन्ना, ग्वार, तिलहन | 𑇐 खाद्यान्न/अनाज व दलहन फसलें नकदी में शामिल नहीं होती है। 𑇐 भारत एवं राजस्थान की की प्रमुख नकदी या व्यापारिक फसल कपास है। |
5 | रेशेदार फसलें | वे फसलें जिनसे रेशा प्राप्त होता है। | कपास, जूट/पटसन, अलसी (तीसी), बाँस | 𑇐 जूट को सुनहरा रेशा भी कहा जाता है। 𑇐 बाँस को आदिवासियों का हरा सोना भी कहा जाता है। 𑇐 बाँस को इमारती लकड़ी भी कहा जाता है। 𑇐 प्रमुख रेशेदार फसल कपास है। |
6 | पेय फसलें | वे फसलें जो पीने के रूप में उपयोगी होती है। | चाय, कहवा (कॉफी), तम्बाकू, गन्ना, अफीम |
अन्य तिलहन पादप :-
- जैतून : (उपयोग- खाद्य तेल एवं औषधी में)
- होहोबा/ जोजोबा : (उपयोग- स्नेहक)
- रत्नजोत/ जेट्रोफा एवं करंज : (उपयोग- बायोडिजल में)
कृषि का महत्व
- रोजगार में योगदान :-
- भारत की कुल जनसंख्या का 54.6% जनसंख्या कृषि पर आधारित है।
- राजस्थान की कुल जनसंख्या का 62% जनसंख्या कृषि पर आधारित है।
- व्यापार में योगदान :-
- निर्यात : खाद्यान्न
- आयात : खाद्य तेल
- उद्योगों में योगदान :-
- राजस्थान के कुल उद्योगों में लगभग 15% उद्योग कृषि आधारित है, जिसमें सबसे बड़े उद्योग-
- कृषि आधारित सबसे बड़ा उद्योग सूती वस्त्र उद्योग है।
- कृषि आधारित दूसरा सबसे बड़ा उद्योग चीनी उद्योग है।
- राजस्थान के कुल उद्योगों में लगभग 15% उद्योग कृषि आधारित है, जिसमें सबसे बड़े उद्योग-
4. सकल राज्य मूल्य वर्धन (GSVA)
वित्तीय वर्ष | स्थिर मूल्य पर | प्रचलित मूल्य पर |
---|---|---|
2022-23 | 28.50% | 28.95% |
2023-24 | 26.21% | 26.72% |
कृषि विकास
कृषि अनुसंधान केंद्र :-
- (अ) केंद्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र
- (ब) राज्य कृषि अनुसंधान केंद्र
(अ) केंद्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र :-
- भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) के अंतर्गत राजस्थान में कार्यरत केंद्रीय कृषि अनुसंधान केंद्र निम्न है-
- केंद्रीय शुष्क बागवानी अनुसंधान केंद्र (CIAH) :-
- CIAH : Central Institute for Arid Horticulture (केंद्रीय शुष्क बागवानी अनुसंधान केंद्र)
- स्थित : बीछवाल, बीकानेर
- स्थापना : 1993 ई.
- केंद्रीय शुष्क क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान (CAZRI) :-
- CAZRI : Central Arid Zone Research Institute (केंद्रीय शुष्क क्षेत्रीय अनुसंधान संस्थान)
- स्थित : जोधपुर
- स्थापना : 1952 ई. (मरुस्थल वनरोपण अनुसंधान स्टेशन के रूप में)
- मरुस्थल वनरोपण अनुसंधान स्टेशन को 1959 में काजरी के रूप में स्थापित किया गया था अर्थात् काजरी की स्थापना 1959 ई. में की गई थी।
- काजरी में पादपों एवं कृषि फसलों पर अनुसंधान किया जाता है।
- भारत में काजरी के 5 उपकेंद्र स्थित है। जैसे-
- बीकानेर (राजस्थान)
- जैसलमेर (राजस्थान)
- पाली (राजस्थान)
- भुज (गुजरात)
- लेह (लद्दाख)
- राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र (NRCSS) :-
- NRCSS : National Research Centre on Seed Spices (राष्ट्रीय बीजीय मसाला अनुसंधान केंद्र)
- स्थित : डूमाड़ा-तबीजी गाँव, अजमेर
- स्थापना : 22 अप्रैल, 2000 (ICAR द्वारा)
- राष्ट्रीय रेपसीड सरसों अनुसंधान केंद्र (NRCRM) :-
- NRCRM : National Research Centre on Rapeseed-Mustard (राष्ट्रीय रेपसीड सरसों अनुसंधान केंद्र)
- स्थित : सेवर, भरतपुर
- स्थापना : 20 अक्टूबर, 1993
- फरवरी 2009 में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा इसका नाम बदलकर ‘सरसों अनुसंधान निदेशालय’ (DRMR) कर दिया गया।
- ICAR : Indian Council of Agricultural Research (भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद)
- DRMR : Directorate of Rapeseed Mustard Research (सरसों अनुसंधान निदेशालय)
- केंद्रीय शुष्क बागवानी अनुसंधान केंद्र (CIAH) :-
(ब) राज्य कृषि अनुसंधान केंद्र
क्र. सं. | राज्य कृषि अनुसंधान केंद्र | स्थित | विशेषता |
---|---|---|---|
1 | रारी RARI : Rajasthan Agricultural Research Centre (राज्य कृषि अनुसंधान केद्र) | दुर्गापुरा, जयपुर | 𑇐 स्थापना : 1943 ई. |
2 | ज्वार अनुसंधान केंद्र | वल्लभनगर, उदयपुर | |
3 | मक्का अनुसंधान केंद्र | बांसवाड़ा | |
4 | चावल अनुसंधान केंद्र | बांसवाड़ा | |
5 | बाजरा अनुसंधान केंद्र | जोधपुर | |
6 | इसबगोल अनुसंधान केंद्र | जोधपुर | |
7 | बेर अनुसंधान केंद्र | बीछवाल, बीकानेर | |
8 | खजुर अनुसंधान केंद्र | बीछवाल, बीकानेर |
कृषि उत्कृष्टता केंद्र
क्र. सं. | कृषि उत्कृष्टता केंद्र | स्थित |
---|---|---|
1 | खजुर उत्कृष्टता केंद्र | सगरा-भोजका, जैसलमेर |
2 | बाजरा उत्कृष्टता केंद्र | जोधपुर |
3 | सीताफल उत्कृष्टता केंद्र | चित्तौड़गढ़ |
4 | सब्जी उत्कृष्टता केंद्र | बूंदी |
5 | सिट्रस (नींबू वर्गीय पादप) उत्कृष्टता केंद्र | नांता, कोटा |
6 | सिट्रस, मसालें एवं औषधीय पादपों का उत्कृष्टता केंद्र | झालावाड़ |
7 | अमरूद उत्कृष्टता केंद्र | 1. देवड़ावास (टोंक) 2. सवाई माधोपुर |
8 | फूलों का उत्कृष्टता केंद्र | सवाई माधोपुर |
9 | आम, आँवला, जैतून का उत्कृष्टता केंद्र | खेमरी, धोलपुर |
10 | अनार का उत्कृष्टता केंद्र | बस्सी, जयपुर |
11 | ऑलिव या जैतून का उत्कृष्टता केंद्र | बस्सी, जयपुर |
12 | ड्रैगन फ्रूट या पिशाच फल का उत्कृष्टता केंद्र | बस्सी, जयपुर |
13 | अंजीर का उत्कृष्टता केंद्र | सिरोही |
14 | एपीकल्चर का उत्कृष्टता केंद्र | टोंक |
कृषि विश्वविद्यालय
क्र. सं. | विश्वविद्यालय | स्थित | स्थापना |
---|---|---|---|
1 | स्वामी केशवानंद राजस्थान कृषि विश्वविद्यालय | बीछवाल (बीकानेर) | 1987 |
2 | महाराणा प्रताप कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय | उदयपुर | 1999 |
3 | श्री कर्ण नरेन्द्र कृषि विश्वविद्यालय | जोबनेर (जयपुर) | 2013 |
4 | कृषि विश्वविद्यालय | मंडोर (जोधपुर) | 2013 |
5 | कृषि विश्वविद्यालय | बोरखेड़ा (कोटा) | 2013 |
कृषक कल्याण कोष (Kisan Kalyan Kosh- K3)
- स्थापना : किसानों के लिए ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिज़नेस‘ की तर्ज पर ‘ईज ऑफ डूइंग फार्मिग‘ की ओर पहला बड़ा कदम उठाते इुए 1,000 करोड़ रुपये का ‘कृषक कल्याण कोष‘ (K-3) का गठन 16 दिसंबर, 2019 को किया गया था।
- इसकी घोषणा 2019-20 के बजट में की गई थी।
- अब यह कोष 75,000 करोड रूपए का हो गया है।
- उद्देश्य : किसानों को उनकी कृषि फसल या उपज की उचित कीतम दिलाना।
राजस्थान में आयोजित कृषि निवेश कार्यक्रम
क्र. सं. | ग्लोबल राजस्थान एग्रीटेक मीट (GRAM) | स्थान | आयोजन |
---|---|---|---|
1 | पहला | जयपुर | नवंबर, 2016 |
2 | दूसरा | कोटा | मई, 2017 |
3 | तीसरा | उदयपुर | नवंबर, 2017 |
कृषि नीतियां
क्र. सं. | नीति | लागू |
---|---|---|
1 | राज्य कृषि नीति | 26 जून, 2013 |
2 | जैविक कृषि नीति | जून, 2017 |
3 | राजस्थान कृषि प्रसंस्करण, कृषि व्यापार एवं कृषि निर्यात प्रोत्साहन नीति | दिसम्बर, 2019 |
कृषि से संबंधित अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
फसलों की उच्च उपज देने वाली किस्म
क्र. सं. | फसलें | उच्च उपज देने वाली किस्म (HYV) |
---|---|---|
1 | गेहूँ | 𑇐 कल्याण सोना-1482 𑇐 सोनालिका 𑇐 लेरमा 𑇐 मालविका 𑇐 कोहिनूर 𑇐 दुर्गापुरा-65 𑇐 चम्बल-65 𑇐 नबी-मरू गेहूँ : यह काले गेहूँ की किस्म है। |
2 | जौ | 𑇐 करण 𑇐 केलाश 𑇐 केदार 𑇐 ज्योति |
3 | मक्का | 𑇐 माही कंचन 𑇐 माही धवल 𑇐 अरूण 𑇐 किरण 𑇐 प्रभात 𑇐 पूसा HM-4 𑇐 पूसा HM-8 𑇐 पूसा HM-9 |
4 | बाजरा | 𑇐 राज-171 𑇐 RCB-2 𑇐 RHB-30 𑇐 RCB-911 |
5 | कपास | 𑇐 नरमा 𑇐 बीकानेरी कपास 𑇐 अमेरिकन कपास 𑇐 US-51 𑇐 US-71 𑇐 US-81 𑇐 PST-9 |
6 | गन्ना | 𑇐 CO-419 𑇐 CO-449 𑇐 CO-1007 𑇐 CO-1111 |
7 | चावल | 𑇐 बासमती 𑇐 माही सुगंधा 𑇐 परमल 𑇐 चम्बल 𑇐 पद्मा 𑇐 जमुना |
8 | सरसों | 𑇐 पूसा बोल्ड 𑇐 राजविजय सरसों-2 (JMWR 08-3) 𑇐 पूसा सरसों-21 𑇐 पूसा सरसों-25 |
विभिन्न कृषि फसलों के उत्पादन में राजस्थान का स्थान :-
- प्रथम स्थान : बाजरा, सरसों, कुल तिलहन, ग्वार
- द्वितीय स्थान : पोषक अनाज, मूंगफली
- तृतीय स्थान : चना, कुल दलहन, ज्वार, सोयाबीन
भारत में प्रमुख फसलों का उत्पादन
क्र. सं. | फसल | प्रथम स्थान | द्वितीय स्थान | तृतीय स्थान | राजस्थान का देश के कुल उत्पादन में योगदान (प्रतिशत में) |
---|---|---|---|---|---|
1 | बाजरा | राजस्थान | उत्तर प्रदेश | हरियाणा | 38.98% |
2 | सरसों | राजस्थान | मध्य प्रदेश | हरियाणा | 46.63% |
3 | पोषक अनाज | कर्नाटक | राजस्थान | महाराष्ट्र | 13.89% |
4 | कुल तिलहन | राजस्थान | मध्य प्रदेश | गुजरात | 22.25% |
5 | कुल दलहन | मध्य प्रदेश | महाराष्ट्र | राजस्थान | 14.51% |
6 | मूंगफली | गुजरात | राजस्थान | तमिलनाडु | 16.83% |
7 | चना | महाराष्ट्र | मध्य प्रदेश | राजस्थान | 19.28% |
8 | ज्वार | महाराष्ट्र | कर्नाटक | राजस्थान | 12.67% |
9 | सोयाबीन | महाराष्ट्र | मध्य प्रदेश | राजस्थान | 7.12% |
10 | ग्वार | राजस्थान | – | – | 87.69% |
राजस्थान में प्रमुख फसलों का उत्पादन (2020-21)
क्र. सं. | फसल | प्रथम स्थान | द्वितीय स्थान | तृतीय स्थान |
---|---|---|---|---|
1 | गेहूँ | हनुमानगढ़ | श्री गंगानगर | – |
2 | जौ | श्री गंगानगर | जयपुर | – |
3 | बाजरा | अलवर | बाड़मेर | जयपुर |
4 | मक्का | भीलवाड़ा | चित्तौड़गढ़ | उदयपुर |
5 | कपास | हनुमानगढ़ | श्री गंगानगर | – |
6 | गन्ना | श्री गंगानगर | चित्तौड़गढ़ | बूंदी |
नोट :-
- राजस्थान में-
- मक्का का सर्वाधिक उत्पादन दक्षिणी-पश्चिमी राजस्थान में होता है।
- बाजरे का सर्वाधिक उत्पादन उत्तरी-पश्चिमी मरुस्थलीय क्षेत्र व पूर्वी मैदानी क्षेत्र में होता है।
- सरसों का सर्वाधिक उत्पादन उत्तरी-पूर्वी राजस्थान में होता है। जैसे- श्री गंगानगर, अलवर, भरतपुर, टोंक
- चावल का सर्वाधिक उत्पादन-
- चंबल बेसिन : कोटा, बूंदी
- घग्घर बेसिन : हनुमानगढ़, श्री गंगानगर
- माही बेसिन : बांसवाड़ा, डूंगरपुर
- कोटा व बूंदी में बासमती चावल अधिक होता है।
- बांसवाड़ा में माही सुगंधा चावल अधिक होता है।
प्रमुख फसलों की भौगोलिक दशाएँ
क्र. सं. | फसल | वर्षा | तापमान | मिट्टी |
---|---|---|---|---|
1 | बाजरा | 25-50 cm | 25°C – 35°C | जलोढ़, रेतीली |
2 | गेहूँ | 50-100 cm | 15°C – 20°C | जलोढ़ |
3 | जौ | 50-100 cm | 15°C – 20°C | जलोढ़ |
4 | सरसों | 50-100 cm | 15°C – 20°C | जलोढ़ |
5 | मक्का | 50-100 cm | 21°C – 28°C | लाल चिकनी |
6 | कपास | 50-100 cm | 21°C – 28°C | काली |
7 | गन्ना | 125-150 cm | 21°C – 28°C | जलोढ़ |
8 | चावल | 150-200 cm | 21°C – 28°C | जलोढ़ |