परिचय
- शुरुआत : 18 मार्च, 1948
- समापन : 1 नवंबर, 1956
- कुल अवधि : 8 वर्ष, 7 माह एवं 14 दिन
- चरण : 7
- आजादी के समय राजस्थान में 19 रियासतें, 3 ठिकाने तथा 1 केंद्र शासित प्रदेश था। जैसे-
आजादी के समय राजस्थान में रियासतें, ठिकाने व केंद्र शासित प्रदेश
क्र. सं. | रियासत | एकीकरण के समय शासक | विशेषताएं |
---|---|---|---|
1 | मेवाड़ | भूपाल सिंह | 𑇐 राजस्थान की प्राचीनतम रियासत। |
2 | जयपुर | सवाई मानसिंह-II | 𑇐 जनसंख्या के आधार पर राजस्थान की सबसे बड़ी रियासत। |
3 | जोधपुर | हनुवंत सिंह | 𑇐 क्षेत्रफल के आधार पर राजस्थान की सबसे बड़ी रियासत। 𑇐 जोधपुर शासक हनुवंत सिंह पाकिस्तान में मिलना चाहते थे, इस योजना का पर्दाफाश सुमनेश जोशी ने अपने समाचार पत्र ‘रियासती’ में किया। |
4 | बीकानेर | सार्दुल सिंह | 𑇐 भारत विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली राजस्थान की पहली रियासत। 𑇐 7 अगस्त 1947 ई. को बीकानेर महाराजा सार्दुल सिंह ने भारत विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। |
5 | अलवर | तेजसिंह | 𑇐 राजस्थान एकीकरण पर सर्वप्रथम हस्ताक्षर अलवर के शासक तेजसिंह द्वारा किया गया। |
6 | भरतपुर | ||
7 | करौली | गणेशपाल | |
8 | धौलपुर | उदयभान सिंह | 𑇐 भारत विलय पत्र पर हस्ताक्षर करने वाली राजस्थान की अंतिम रियासत। 𑇐14 अगस्त 1947 ई. को धौलपुर महाराजा उदयभान सिंह ने भारत विलय पत्र पर हस्ताक्षर किए थे। |
9 | कोटा | भीम सिंह | |
10 | बूंदी | बहादुर सिंह | |
11 | डूंगरपुर | सुदर्शन देव | 𑇐 डूंगरपुर राजस्थान की एकमात्र ऐसी रियासत थी जिसने शिक्षा पर प्रतिबंध लगाया। |
12 | बांसवाड़ा | चन्द्रवीर सिंह | |
13 | प्रतापगढ़ | ||
14 | टोंक | 𑇐 राजस्थान की एकमात्र मुस्लिम रियासत। 𑇐 राजस्थान की एकमात्र ऐसी रियासत जिसने शिकार एक्ट बनाया। | |
15 | किशनगढ़ | सुमेरसिंह | |
16 | शाहपुरा | लक्ष्मण सिंह | 𑇐 जनसंख्या व क्षेत्रफल दोनों के आधार पर राजस्थान की सबसे छोटी रियासत। |
17 | सिरोही | ||
18 | जैसलमेर | जवाहर सिंह | 𑇐 जैसलमेर रियासत में उत्तराधिकारी/तलवार बंधाई कर नहीं था। |
19 | झालावाड़ | हरिश्चंद्र | 𑇐 इसकी स्थापना अंग्रेजों द्वारा 1838 में की गई थी। 𑇐 इसके प्रथम शासक झालामदन सिंह थे। 𑇐 राजस्थान की नवीनतम रियासत। |
ठिकाना | |||
1 | नीमराणा | राजेंद्र सिंह | 𑇐 इसे अलवर रियासत से अलग कर बनाया गया था। |
2 | कुशलगढ़ | 𑇐 इसे बांसवाड़ा रियासत से अलग कर बनाया गया था। | |
3 | लावा | 𑇐 इसे टोंक रियासत से अलग कर बनाया गया था। | |
केंद्र शासित प्रदेश | |||
1 | अजमेर-मेरवाडा |
राजस्थान यूनियन :-
- मेवाड़ महाराणा भूपाल सिंह राजपूताना (राजस्थान), मालवा (मध्य प्रदेश) तथा सौराष्ट्र (गुजरात) की रियासतों को मिलाकर “राजस्थान यूनियन” बनाना चाहते थे, इसके लिए भूपाल सिंह ने उदयपुर में 2 सम्मेलन (1946, 1947 ई.) आयोजित किए।
- इस समय भूपाल सिंह का संवैधानिक सलाहकार के. एम. मुंशी था।
संघ बनाने का प्रयास करने वाले शासक
क्र. सं. | संघ | शासक |
---|---|---|
1 | हाड़ौती संघ | भीमसिंह (कोटा) |
2 | वागड़ संघ | लक्ष्मणसिंह (डूंगरपुर) |
3 | मेवाड़ संघ | भूपाल सिंह (मेवाड़) |
4 | राजपूताना संघ | सवाई मानसिंह-II (जयपुर) + भूपालसिंह (मेवाड़) |
रियासती सचिवालय :-
- स्थापना : 5 जुलाई, 1947
- अध्यक्ष : सरदार वल्लभ भाई पटेल
- सचिव : वी. पी. मेनन
- मुख्यालय : नई दिल्ली
- 18 जुलाई 1947 ई. को “भारतीय स्वतंत्रता अधिनियम” पारित किया गया। तथा इस अधिनियम की धारा 8 के तहत देशी रियासतों (राजाओं) तथा अंग्रेजों के मध्य की गई संधियाँ समाप्त कर दी गई।
- रिसायती सचिवालय ने घोषणा की, कि वे रियासतें जिनकी जनसंख्या 10 लाख या उससे अधिक तथा आय 1 करोड़ या उससे अधिक हो वह रियासतें अपना स्वतंत्र अस्तित्व रख सकती है। राजस्थान में ऐसी 4 रियासतें थी जैसे-
- मेवाड़ (उदयपुर)
- जयपुर
- जोधपुर
- बीकानेर
एकीकरण के चरण
- राजस्थान का एकीकरण कुल 7 चरणों में पूरा हुआ। जैसे-
चरण (समापन) | राजस्थान का नाम | राजधानी | उद्घाटनकर्ता | राजप्रमुख | प्रधानमंत्री |
---|---|---|---|---|---|
पहला (18 मार्च, 1948) | मत्स्य संघ | अलवर | एन. वी. गॉडगिल | उदयभान सिंह (धौलपुर) | शोभाराम कुमावत |
दूसरा (25 मार्च, 1948) | राजस्थान संघ | कोटा | एन. वी. गॉडगिल | भीमसिंह (कोटा) | गोकुल लाल असावा |
तीसरा (18 अप्रैल, 1948) | संयुक्त राजस्थान | उदयपुर | पंडित जवाहरलाल नेहरू | भूपाल सिंह (मेवाड़) | माणिक्य लाल वर्मा |
मुख्यमंत्री | |||||
चौथा (30 मार्च, 1949) | वृहत राजस्थान | जयपुर | सरदार वल्लभ भाई पटेल | सवाई मानसिंह-II (जयपुर) | हीरालाल शास्त्री |
पांचवां (15 मई, 1949) | वृहत्तर राजस्थान | जयपुर | सरदार वल्लभ भाई पटेल | सवाई मानसिंह-II (जयपुर) | हीरालाल शास्त्री |
छठा (26 जनवरी, 1950) | राजस्थान | जयपुर | सरदार वल्लभ भाई पटेल | सवाई मानसिंह-II (जयपुर) | हीरालाल शास्त्री |
राज्यपाल | |||||
सातवां (1 नवंबर, 1956) | राजस्थान | जयपुर | सरदार वल्लभ भाई पटेल | 𑇐 इस समय राजप्रमुख का पद समाप्त कर उसके स्थान पर राज्यपाल का पद सृजित किया गया। 𑇐 राजस्थान का पहला राज्यपाल गुरुमुख निहाल सिंह को बनाया गया। | मोहनलाल सुखाड़िया |
1. पहला चरण
राजस्थान का नाम | मत्स्य संघ |
नामकरण | के. एम. मुंशी द्वारा |
शामिल क्षेत्र | 1. धौलपुर रियासत 2. करौली रियासत 3. अलवर रियासत 4. भरतपुर रियासत 5. नीमराणा ठिकाना |
राजधानी | अलवर |
उद्घाटन | 18 मार्च, 1948 ई. को एन. वी. गाडगिल (नरहरि विष्णु गाडगिल) द्वारा भरतपुर में किया गया। |
राजप्रमुख | उदयभान सिंह (धौलपुर का राजा) |
उप राजप्रमुख | गणेशपाल (करौली का राजा) |
प्रधानमंत्री | शोभाराम कुमावत (अलवर) |
उप प्रधानमंत्री | जुगल किशोर चतुर्वेदी |
मंत्री | 1. मास्टर भोलानाथ (अलवर) 2. गोपीलाल यादव (धौलपुर) 3. डॉ. मंगल सिंह (धौलपुर) 4. चिरंजी लाल शर्मा (करौली) |
क्षेत्रफल | 12,000 वर्ग किलोमीटर |
जनसंख्या | 18 लाख |
आय | ₹ 1.84 करोड़ |
विशेष :-
- अलवर तथा भरतपुर रियासतों पर भारत सरकार ने पहले ही नियंत्रण स्थापित कर लिया था।
- मत्स्य संघ की धौलपुर रियासत जनता के बहुमत के आधार पर उत्तर प्रदेश में विलय होना चाहती थी।
2. दूसरा चरण
राजस्थान का नाम | राजस्थान संघ/ पूर्ण राजस्थान |
शामिल क्षेत्र | 1. कोटा रियासत (हाड़ौती) 2. बूंदी रियासत (हाड़ौती) 3. झालावाड़ रियासत (हाड़ौती) 4. डूंगरपुर रियासत (वागड) 5. बांसवाड़ा रियासत (वागड) 6. प्रतापगढ़ रियासत (वागड) 7. टोंक रियासत 8. किशनगढ़ रियासत 9. शाहपुरा रियासत 10. कुशलगढ़ ठिकाना 11. लावा ठिकाना |
राजधानी | कोटा |
उद्घाटन | 25 मार्च, 1948 ई. को एन. वी. गाडगिल (नरहरि विष्णु गाडगिल) द्वारा कोटा में किया गया। |
राजप्रमुख | भीमसिंह (कोटा का राजा) |
वरिष्ठ उप राजप्रमुख | बहादुर सिंह (बूंदी का राजा) |
कनिष्ठ उप राजप्रमुख | लक्ष्मण सिंह (डूंगरपुर का राजा) |
प्रधानमंत्री | गोकुल लाल असावा (शाहपुरा प्रजामण्डल का नेता) |
मंत्री | राजस्थान संघ में कोई मंत्री नहीं बनाया गया था, क्योंकि यह स्पष्ट हो गया था की मेवाड़ भी राजस्थान संघ में शामिल होगा इसीलिए एक बार के लिए मंत्री नहीं बनाये गये तथा यह निर्णय लिया गया था की मेवाड़ शामिल होने के बाद एक साथ ही मंत्री बना दिए जाएंगें। |
जनसंख्या | 23.5 लाख |
आय | 1.90 करोड़ रुपये |
विशेष :-
- भारत सरकार, शाहपुर तथा किशनगढ़ रियासतों को अजमेर-मेरवाड़ा में मिलाना चाहती थी, लेकिन इन रियासतों ने अजमेर-मेरवाड़ा में विलय का विरोध किया।
- विलय पत्र पर हस्ताक्षर करते समय बांसवाड़ा महारावल चन्द्रवीर सिंह ने कहा था की “मैं अपने डेथ वारंट पर हस्ताक्षर कर रहा हूँ”
3. तीसरा चरण
राजस्थान का नाम | संयुक्त राजस्थान |
शामिल क्षेत्र | 1. राजस्थान संघ (दूसरा चरण) 2. मेवाड़ रियासत |
राजधानी | उदयपुर |
उद्घाटन | 18 अप्रैल, 1948 ई. को पंडित जवाहर लाल नेहरू द्वारा उदयपुर में किया गया। |
राजप्रमुख | महाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़ का राजा) |
वरिष्ठ उप राजप्रमुख | भीम सिंह (कोटा का राजा) |
कनिष्ठ उप राजप्रमुख | 1. बहादुर सिंह (बूंदी का राजा) 2. लक्ष्मण सिंह (डूंगरपुर का राजा) |
प्रधानमंत्री | माणिक्य लाल वर्मा |
उप प्रधानमंत्री | गोकुल लाल असावा |
मंत्री | 1. अभिन्न हरि (कोटा) 2. बृज सुन्दर शर्मा (बूंदी) 3. भोगीलाल पांड्या (डूंगरपुर) 4. भूरेलाल बया (उदयपुर) 5. प्रेम नारायण माथुर (उदयपुर) 6. मोहन लाल सुखाडिया (उदयपुर) |
विशेष :-
- मंत्रीमण्डल में सामन्तों की भागीदारी को लेकर गतिरोध उत्पन्न हो गया था।
- संयुक्त राजस्थान में प्रतिवर्ष विधानसभा के 3 अधिवेशन आयोजित किए जाएंगे जिसमें दो अधिवेशन उदयपुर में तथा एक अधिवेशन कोटा में आयोजित किया जाएगा।
- कोटा के विकास हेतु विशेष प्रयाय किए जाएंगे।
- महाराणा भूपाल सिंह ने 20 लाख रुपये प्रिवी पर्स की मांग थी।
- भारत सरकार ने महाराणा भूपाल सिंह को 20 लाख रुपये निम्नलिखित रूप में दिए-
- प्रिवी पर्स : 10 लाख रुपये
- राजप्रमुख का वेतन : 5 लाख रुपये
- धार्मिक अनुदान : 5 लाख रुपये
- राममनोहर लोहिया ने “राजस्थान आंदोलन समिति” का गठन किया तथा शेष रियासतों के राजस्थान में शीघ्र विलय की मांग की।
माणिक्य लाल वर्मा का कथन- "मेवाड़ महाराणा भूपालसिंह तथा मंत्री राममूर्ति मेवाड़ के 20 लाख लोगों के भाग्य का निर्धारण अकेले नहीं कर सकते"।
4. चौथा चरण
राजस्थान का नाम | वृहत/ वृहद् राजस्थान |
शामिल क्षेत्र | 1. संयुक्त राजस्थान (तीसरा चरण) 2. जयपुर रियासत 3. जोधपुर रियासत 4. बीकानेर रियासत 5. जैसलमेर रियासत |
राजधानी | जयपुर |
उद्घाटन | 30 मार्च, 1949 ई. (चैत्र शुक्ल एकम् विक्रमी संवत 2006) को सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा जयपुर में किया गया। |
महाराज प्रमुख | महाराणा भूपाल सिंह (मेवाड़ का राजा) |
राजप्रमुख | सवाई मानसिंह-II (जयपुर का राजा) |
वरिष्ठ उप राजप्रमुख | 1. भीमसिंह (कोटा का राजा) 2. हनुवंत सिंह (जोधपुर का राजा) |
कनिष्ठ उप राजप्रमुख | 1. बहादुर सिंह (बूंदी का राजा) 2. लक्ष्मण सिंह (डूंगरपुर का राजा) |
इस चरण में प्रधानमंत्री का पद हटाकर उसके स्थान पर मुख्यमंत्री का पद लाया गया। अतः हीरालाल शास्त्री राजस्थान के पहले मुख्यमंत्री बने। | |
मंत्री | 1. सिद्धराज ढढ्ढा (जयपुर) 2. रघुवर दयाल गोयल (बीकानेर) 3. बृजसुन्दर शर्मा 4. प्रेम नारायण माथुर (मेवाड़) 5. भूरेलाल बया (मेवाड़) 6. वेदपाल त्यागी (कोटा)- कालान्तर में राजस्थान उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश बने। 7. राव राजा हनूत/हनुवंत सिंह (जोधपुर) 8. नृसिंह कच्छावा (जोधपुर) 9. फूलचन्द बाफना (जोधपुर) |
विशेष :-
- 19 जुलाई 1948 ई. को लावा ठिकाना जयपुर रियासत में मिला दिया गया।
- 9 नवंबर, 1948 ई. को जयनारायण व्यास ने सर्वप्रथम ‘वृहद् राजस्थान’ की माँग की थी।
- चैत्र शुक्ल एकम् के दिन विक्रमी संवत कैलेंडर का नया वर्ष प्रारम्भ होता है।
- प्रतिवर्ष 30 मार्च को राजस्थान दिवस मनाया जाता है।
बी. आर. पटेल समिति :-
- गठन : इस चरण में जयपुर तथा जोधपुर में राजधानी को लेकर विवाद था अतः इसके समाधान हेतु इस समिति का गठन किया गया।
- अध्यक्ष : बी. आर. पटेल
- सदस्य :-
- टी. सी. पुरी
- एस. पी. सिन्हा
- इस समिति की सिफारिश के आधार पर जयपुर को राजधानी तथा जोधपुर को उच्च न्यायालय दे दिया गया।
प्रिवी पर्स (प्रतिवर्ष)
क्र. सं. | रियासत | प्रिवी पर्स (रुपये) |
---|---|---|
1 | जयपुर | 18 लाख रुपये |
2 | जोधपुर | 17.50 लाख |
3 | बीकानेर | 17 लाख |
5. पांचवां चरण
राजस्थान का नाम | संयुक्त वृहद राजस्थान/ संयुक्त वृहत्तर राजस्थान |
शामिल क्षेत्र | 1. मत्स्य संघ (पहला चरण) 2. वृहद राजस्थान (चौथा चरण) |
राजधानी | जयपुर |
उद्घाटन | 15 मई, 1949 को सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा |
राजप्रमुख | सवाई मानसिंह-II (जयपुर का राजा) |
मुख्यमंत्री | हीरालाल शास्त्री |
मंत्री | शोभाराम कुमावत |
शंकर राव देव समिति :-
- गठन : मत्स्य संघ का विलय वृहद् राजस्थान में करने हेतु इस समिति का गठन किया गया।
- अध्यक्ष : शंकर राव देव
- सदस्य :-
- प्रभु दयाल
- आर. के. सिद्धवा
- इस समिति की सिफारिश पर-
- 15 मई, 1949 ई. को मत्स्य संघ का विलय वृहद् राजस्थान में किया गया।
- भरतपुर एवं धौलपुर की जनता को उत्तर प्रदेश से राजस्थान में मिलाया गया।
6. छठा चरण
राजस्थान का नाम | राजस्थान |
शामिल क्षेत्र | 1. संयुक्त वृहद राजस्थान (पांचवां चरण) 2. सिरोही रियासत (आबू-देलवाड़ा को छोड़कर) |
राजधानी | जयपुर |
उद्घाटन | 26 जनवरी, 1950 को सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा |
राजप्रमुख | सवाई मानसिंह-II (जयपुर का राजा) |
मुख्यमंत्री | हीरालाल शास्त्री |
विशेष :-
- इस चरण में सिरोही रियासत का विभाजन किया गया, जिसके तहत आबू व देलवाड़ा सहित 89 गाँव बॉम्बे में मिलाए गए तथा शेष सिरोही राजस्थान में मिला दिया गया जिसमें गोकुल भाई भट्ट का गाँव ‘हाथल’ भी शामिल था।
- इस अनुचित विलय पर सरदार वल्लभ भाई पटेल का जवाब था की “राजस्थान वालों को गोकुल भाई भट्ट चाहिए था अतः वह हमने दे दिया”
- 26 जनवरी, 1950 को-
- इस चरण की प्रक्रिया सम्पन्न हुई।
- राजस्थान का नाम ‘राजस्थान’ कर दिया गया।
- हीरालाल शास्त्री को राजस्थान का पहला मनोनीत मुख्यमंत्री बनाया गया।
राजस्थान के मनोनीत मुख्यमंत्री
क्रम | मुख्यमंत्री | विशेषताएं |
---|---|---|
पहला | हीरालाल शास्त्री | |
दूसरा | सी. एस. वेंकटाचारी (ICS) | |
तीसरा | जयनारायण व्यास | 𑇐 राजस्थान के एकमात्र मनोनीत एवं निर्वाचित मुख्यमंत्री। |
राजस्थान के निर्वाचित मुख्यमंत्री
क्रम | मुख्यमंत्री | उप-मुख्यमंत्री | विधानसभा | विशेषताएं |
---|---|---|---|---|
पहला | टीकाराम पालीवाल | पहली | ||
दूसरा | जयनारायण व्यास | टीकाराम पालीवाल | पहली | |
तीसरा | मोहनलाल सुखाड़िया | पहली | 𑇐 राजस्थान के सबसे युवा मुख्यमंत्री। 𑇐 राजस्थान में सर्वाधिक कार्यकाल वाले मुख्यमंत्री। (17 वर्ष) |
7. सप्तम चरण
राजस्थान का नाम | राजस्थान (आधुनिक/ वर्तमान राजस्थान) |
शामिल क्षेत्र | 1. राजस्थान (छठा चरण) 2. आबू-देलवाड़ा (बॉम्बे प्रान्त) 3. अजमेर-मेरवाड़ा 4. सुनेल-टप्पा (मध्य प्रदेश) |
राजधानी | जयपुर |
उद्घाटन | 1 नवंबर, 1956 को सरदार वल्लभ भाई पटेल द्वारा |
𑇐 इस समय राजप्रमुख का पद समाप्त कर उसके स्थान पर राज्यपाल का पद सृजित किया गया। 𑇐 राजस्थान का प्रथम राज्यपाल गुरुमुख निहाल सिंह को बनाया गया। | |
मुख्यमंत्री | मोहनलाल सुखाड़िया |
विशेष :-
- 1 नवम्बर 1956 ई. को राजस्थान का एकीकरण पुरा हुआ।
- इस समय राजस्थान के मुख्यमंत्री मोहन लाल सुखाड़िया थे।
- प्रतिवर्ष 1 नवंबर को राजस्थान स्थापना दिवस मनाया जाता है, क्योंकि 1 नवंबर, 1956 को राजस्थान एकीकरण पूरा हुआ तथा वर्तमान राजस्थान अस्तित्व में आया था।
मुनि जिन विजय सूरी समिति :-
- गठन : आबू व देलवाड़ा के राजस्थान में विलय हेतु इस समिति का गठन किया गया।
- अध्यक्ष : मुनि जिन विजय सूरी (इतिहासकार)
- सदस्य : दशरथ शर्मा (इतिहासकार)
अजमेर-मेरवाड़ा :-
- पहले यह एक केंद्र शासित प्रदेश था।
- इसमें 30 सदस्यों की एक “धारा सभा” (विधानसभा) थी।
- इसके मुख्यमंत्री हरिभाऊ उपाध्याय थे।
- हरिभाऊ उपाध्याय ने अजमेर-मेरवाड़ा के राजस्थान में विलय का विरोध किया।
- 1 नवंबर, 1956 को अजमेर को राजस्थान का 26वां जिला बनाया गया।
सत्यनारायण राव समिति :-
- गठन : जयपुर तथा अजमेर में राजस्थान की राजधानी को लेकर विवाद था अतः इसके समाधान हेतु इस समिति का गठन किया गया।
- अध्यक्ष : सत्यनारायण राव
- सदस्य :-
- वी. विश्वनाथन
- बी. के. गुहा
- इस समिति की सिफारिश के आधार पर-
- राजस्थान की राजधानी जयपुर को बनाया गया।
- उच्च न्यायालय जोधपुर को दिया गया।
- राजस्व विभाग अजमेर को दे दिया गया।
- शिक्षा विभाग बीकानेर को दे दिया गया।
- कृषि विभाग भरतपुर को दे दिया गया।
- वन एवं सहकारी विभाग कोटा को दे दिया गया। (वन विभाग, सहकारी विभाग)
- खनिज/खनन विभाग उदयपुर को दे दिया गया।
राज्य पुनर्गठन आयोग (फजल अली आयोग) :-
- गठन : 22 दिसंबर, 1953
- अध्यक्ष : फजल अली
- सदस्य :-
- हृदयनाथ कुँजरु
- के. एम. पणिक्कर (बीकानेर से संविधान सभा के सदस्य थे।)
- इस आयोग की सिफारिश के आधार पर-
- आबू व देलवाड़ा को राजस्थान में मिला दिया गया।
- अजमेर-मेरवाड़ा राजस्थान में मिला दिया गया।
- मध्य प्रदेश का सुनेल-टप्पा राजस्थान में मिला दिया गया।
- राजस्थान का सिरोंज मध्य प्रदेश को दे दिया गया।
- 7वें संविधान संशोधन, 1956 द्वारा राजप्रमुख का पद समाप्त कर उसके स्थान पर राज्यपाल का पद सृजित किया गया।
- 26वें संविधान संशोधन, 1971 द्वारा राजाओं के प्रिवी पर्स समाप्त किए गए।
अन्य महत्वपूर्ण तथ्य
- अलवर व भरतपुर रियासतों ने प्रथम स्वतंत्रता दिवस नहीं मनाया था
- जैसलमेर व बीकानेर दो ऐसी रियासतें थी जो मराठा आक्रमणों से बची रही थी।
- जैसलमेर व बीकानेर दो ऐसी रियासतें थी जो उत्तरदायी शासन स्थापित नहीं कर पायी थी।
- राजस्थान में वन्यजीव सुरक्षा हेतु कानून बनाने वाली पहली रियासत जोधपुर थी जिसने 1910 ई. में कानून बनाया। इसके बाद 1935 ई. में अलवर रियासत ने वन्यजीव सुरक्षा हेतु अधिनियम पारित किया।
- राजस्थान का प्रथम राजप्रमुख सवाई मानसिंह-II था।
- राजस्थान का अंतिम राजप्रमुख सवाई मानसिंह-II था।
- सवाई मानसिंह-II का कथन- “जाट झण्डा खतरे में है”।
- 1 नवंबर ,2000 तक क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य मध्य प्रदेश था, लेकिन इस दिन मध्य प्रदेश से अलग कर छत्तीसगढ़ को नया राज्य बनाया गया जिसके बाद क्षेत्रफल के आधार पर भारत का सबसे बड़ा राज्य राजस्थान बन गया।
7वां संविधान संशोधन, 1956 :-
- इसके प्रभाव :-
- अजमेर मेरवाड़ा एवं आबू-देलवाड़ा का विलय राजस्थान में किया गया।
- राज्यों की श्रेणियां समाप्त की गई। (राजस्थान की श्रेणी B-द्वितीय)
- राजस्थान और मध्य प्रदेश के गाँवों की अदला-बदली की गई।
- राजप्रमुख का पद समाप्त कर उसके स्थान पर राज्यपाल का पद सृजित किया गया।
वर्तमान राजस्थान
एकीकरण के बाद राजस्थान
समय | जिलों की संख्या | क्रम (जिला) | गठन | मुख्यमंत्री |
---|---|---|---|---|
1 नवंबर, 1956 से 14 अप्रैल, 1982 तक | 26 | 26वां (अजमेर) | 01 नवंबर, 1956 | मोहनलाल सुखाड़िया |
15 अप्रैल, 1982 से 9 अप्रैल, 1991 तक | 27 (26+1) | 27वां (धौलपुर) | 15 अप्रैल, 1982 | शिवचरण माथुर |
10 अप्रैल, 1991 से 11 जुलाई, 1994 तक | 30 (27+3) | 28वां (बारां) 29वां (दौसा) 30वां (राजसमंद) | 10 अप्रैल, 1991 | भैरोंसिंह शेखावत |
12 जुलाई, 1994 से 18 जुलाई, 1997 तक | 31 (30+1) | 31वां (हनुमानगढ़) | 12 जुलाई, 1994 | भैरोंसिंह शेखावत |
19 जुलाई, 1997 से 25 जनवरी, 2008 तक | 32 (31+1) | 32वां (करौली) | 19 जुलाई, 1997 | भैरोंसिंह शेखावत |
26 जनवरी, 2008 से 6 अगस्त, 2023 तक | 33 (32+1) | 33वां (प्रतापगढ़) | 26 जनवरी, 2008 | वसुंधरा राजे |
7 अगस्त, 2023 से 28 दिसंबर, 2024 तक | 50 (33+17) | 34 से 50 तक 𑇐 बालोतरा 𑇐 ब्यावर 𑇐 डीग 𑇐 डीडवाना-कुचामन 𑇐 कोटुपूतली-बहरोड़ 𑇐 खैरथल-तिजारा 𑇐 फलोदी 𑇐 सलूम्बर 𑇐 जयपुर ग्रामीण 𑇐 जोधपुर ग्रामीण 𑇐 केकड़ी 𑇐 गंगापुर सिटी 𑇐 नीम का थाना 𑇐 अनूपगढ़ 𑇐 दूदू 𑇐 सांचौर 𑇐 शाहपुरा | 7 अगस्त, 2023 | अशोक गहलोत |
29 दिसंबर, 2024 से वर्तमान तक | 41 (50-9) | 34 से 41 तक 𑇐 बालोतरा 𑇐 ब्यावर 𑇐 डीग 𑇐 डीडवाना-कुचामन 𑇐 कोटुपूतली-बहरोड़ 𑇐 खैरथल-तिजारा 𑇐 फलोदी 𑇐 सलूम्बर 𑇐 जयपुर ग्रामीण (निरस्त) 𑇐 जोधपुर ग्रामीण (निरस्त) 𑇐 केकड़ी (निरस्त) 𑇐 गंगापुर सिटी (निरस्त) 𑇐 नीम का थाना (निरस्त) 𑇐 अनूपगढ़ (निरस्त) 𑇐 दूदू (निरस्त) 𑇐 सांचौर (निरस्त) 𑇐 शाहपुरा (निरस्त) | 29 दिसंबर, 2024 को 9 जिले निरस्त | भजनलाल शर्मा |
राजस्थान के वर्तमान संभाग व जिले
क्र.सं. | संभाग | जिले | विशेषताएं |
---|---|---|---|
1 | कोटा | 1. कोटा 2. बारां 3. बूंदी 4. झालावाड | कोई परिवर्तन नहीं |
2 | बीकानेर | 1. बीकानेर 2. श्री गंगानगर 3. हनुमानगढ़ 4. चूरू | कोई परिवर्तन नहीं |
3 | भरतपुर | 1. भरतपुर 2. धौलपुर 3. करौली 4. सवाई माधोपुर 5. डीग (नया) | |
4 | अजमेर | 1. अजमेर 2. भीलवाड़ा 3. नागौर 4. टोंक 5. डीडवाना-कुचामन (नया) 6. ब्यावर (नया) | |
5 | उदयपुर | 1. उदयपुर 2. चित्तौड़गढ़ 3. राजसमंद 4. प्रतापगढ़ 5. बांसवाड़ा 6. डूंगरपुर 7. सलूम्बर (नया) | |
6 | जयपुर | 1. जयपुर 2. अलवर 3. दौसा 4. सीकर 5. झुंझुनूं 6. कोटपूतली-बहरोड़ (नया) 7. खैरथल-तिजारा (नया) | |
7 | जोधपुर | 1. जोधपुर 2. बाड़मेर 3. जैसलमेर 4. पाली 5. जालोर 6. सिरोही 7. बालोतरा (नया) 8. फलोदी (नया) | 𑇐 यह राजस्थान का सर्वाधिक जिलों वाला संभाग है। |
कुल | 7 | 41 |