भारत में 800-600 ई.पू. में हुई जनगणना की जानकारी प्रारंभिक साहित्य ‘ऋग्वेद’ से मिलती है।
मौर्य काल में हुई जनगणना की जानकारी चाणक्य द्वारा लिखे गए ‘अर्थशास्त्र’ से मिलती है।
मध्य काल : मुगल काल में मुगल बादशाह अकबर के शासन काल में हुई जनगणना की जानकारी अबुल फजल द्वारा लिखी गई ‘आइन-ए-अकबरी’ से मिलती है।
भारत में पहली बार आधुनिक जनगणना 1872 ई. में गवर्नर जनरल लॉर्ड मेयो के शासन काल में करवाई गई।
भारत में पहली बार व्यवस्थित और दशकीय जनगणना 17 फरवरी, 1881 को लॉर्ड रिपन के शासन काल में भारत के जनगणना आयुक्त ‘डब्ल्यू.सी. प्लौडेन’ द्वारा करवाई गई।
1931 ई. में भारत में पहली बार जातीय जनगणना करवाई गई।
1948 ई. में भारत में “जनसंख्या जनगणना अधिनियम” पारित किया गया।
1993 ई. में भारत में “राष्ट्रीय जनसंख्या आयोग” का गठन किया गया।
भारत में जनगणना संघ सूची का विषय है।
जनगणना, संविधान की 7वीं अनुसूची में शामिल है।
जनगणना भारत के गृह मंत्रालय के ‘जनगणना विभाग’ द्वारा करवाई जाती है।
जनगणना 2011 की सामान्य जानकारी
क्रम के अनुसार यह भारत की 15वीं जनगणना है। (1872-2011)-
1872
1881
1891
1901
1911
1921
1931
1941
1951
1961
1971
1981
1991
2001
2011
व्यवस्थित और दशकीय जनगणना के अनुसार यह भारत की 14वीं जनगणना है। (1881-2011)
स्वतंत्रता के बाद यह भारत की 7वीं जनगणना है। (1951-2011)-
21वीं शताब्दी की यह दूसरी जनगणना है-
कुल लागत : 2200 करोड़ रूपये
प्रति व्यक्ति लागत : 18.19 रुपये
शामिल कुल जिले : 640
राजस्थान के शामिल जिले : 33
शुभंकर : प्रगणक शिक्षिका
आदर्श वाक्य : “हमारी जनगणना, हमारा भविष्य”
भारत में पहली बार-
‘राष्ट्रीय जनसंख्या रजिस्टर’ बनाया गया।
घरों की जनगणना की गई।
किन्नरों को जनगणना में शामिल किया गया तथा उनको पुरुष वर्ष में शामिल किया गया।
भारत में दूसरी बार जातीय जनगणना हुई।
यह दो चरणों में संपन्न हुई-
प्रथम चरण : 15 मई से 30 जून, 2010
दूसरा चरण : 9 फरवरी से 28 फरवरी, 2011
राजस्थान की जनसंख्या
भारत की कुल जनसंख्या : 121.085 करोड़
राजस्थान में विश्व की कुल जनसंख्या का 1% भाग है।
राजस्थान में भारत की कुल जनसंख्या का 5.67% भाग है।
जनगणना 2011 के अनुसार जनसंख्या की दृष्टि से राजस्थान का भारत में 8वाँ स्थान है। लेकिन आन्ध्र प्रदेश के विभाजन के बाद वर्तमान में 7वाँ स्थान है।
राजस्थान की कुल जनसंख्या में 15.56% शिशु जनसंख्या (0-6 वर्ष) है।
राजस्थान की जनसंख्या (पुरुष + महिला)
2001
2011
2021 (अनुमानित)
2031 (अनुमानित)
पुरुष
2.94 करोड़
3.55 करोड़ (51.86 % )
4.08 करोड़
4.44 करोड़
महिला
2.71 करोड़
3.30 करोड़ (48.14 %)
3.85 करोड़
4.28 करोड़
कुल
5.65 करोड़
6.85 करोड़ (100 %)
7.93 करोड़
8.72 करोड़
राजस्थान के सर्वाधिक एवं न्यूनतम जनसंख्या वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
जनसंख्या (लाख)
न्यूनतम
जनसंख्या (लाख)
1
जयपुर
66.26
जैसलमेर
6.69
2
जोधपुर
36.87
प्रतापगढ़
8.67
3
अलवर
36.74
सिरोही
10.36
4
नागौर
33.07
बूंदी
11.10
5
उदयपुर
30.68
राजसमंद
11.56
राजस्थान की जनसंख्या (शहरी + ग्रामीण)
2011
कुल जनसंख्या
6.85 करोड़ (100 %)
शहरी जनसंख्या
1.70 करोड़ (24.9 %)
ग्रामीण जनसंख्या
5.15 करोड़ (75.1 %)
राजस्थान में सर्वाधिक व न्यूनतम शहरी जनसंख्या वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
न्यूनतम
1
जयपुर
प्रतापगढ़
2
जोधपुर
डूंगरपुर
3
कोटा
जैसलमेर
4
अजमेर
बांसवाड़ा
राजस्थान में सर्वाधिक व न्यूनतम ग्रामीण जनसंख्या वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
न्यूनतम
1
जयपुर
जैसलमेर
2
अलवर
कोटा
3
नागौर
प्रतापगढ़
4
उदयपुर
सिरोही
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम शहरी व ग्रामीण जनसंख्या प्रतिशत वाले जिले
सर्वाधिक
न्यूनतम
शहरी जनसंख्या प्रतिशत
कोटा
डूंगरपुर
ग्रामीण जनसंख्या प्रतिशत
डूंगरपुर
कोटा
राजस्थान में बच्चों की जनसंख्या (0-6 आयु वर्ग)
राजस्थान में बच्चों की जनसंख्या (0-6 आयु वर्ग)
2001
2011
लड़के
52.34 %
52.83 %
लड़किया
47.66 %
47.17 %
कुल जनसंख्या
100 % (107 लाख)
100 % (106 लाख)
राजस्थान के शहरी क्षेत्रों में बच्चों की जनसंख्या (0-6 आयु वर्ग)
2001
2011
लड़के
52.98 %
53.37 %
लड़किया
47.02 %
46.63 %
कुल जनसंख्या
100 % (20.64 लाख)
100 % (22.35 लाख)
राजस्थान में जनसंख्या वृद्धि दर
किसी निश्चित स्थान पर निश्चित समय में (10 वर्ष) प्रति 100 व्यक्तियों पर होने वाली वृद्धि को ‘जनसंख्या वृद्धि दर’ कहा जाता है।
राजस्थान में दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर 21.30% है।
ग्रामीण जनसंख्या वृद्धि दर 19 % है।
नगरीय जनसंख्या वृद्धि दर 29 % है।
राजस्थान में सर्वाधिक ऋणात्मक जनसंख्या वृद्धि दर वाला दशक 1911-21 है। जिसमें राजस्थान की दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर -6.29% थी। जिसके कारण निम्न हैं-
प्लेग महामारी
प्रथम विश्व युद्ध
राष्ट्रीय आंदोलनों की शुरुआत
1911-21 के दशक को ‘जनसंख्या विभाजक दशक’ भी कहा जाता है।
राजस्थान में 1951-81 के दशकों को ‘जनसंख्या विस्फोटक दशक’ कहा जाता है। जिसमें राजस्थान की जनसंख्या की सर्वाधिक वृद्धि दर 1971-81 में हुई, जो की 32.97% बढ़ी है।
1991-2001 में राजस्थान की जनसंख्या में सर्वाधिक वृद्धि दर्ज की गई।
जनसंख्या वृद्धि के प्रमुख कारक-
उच्च जन्म दर
न्यूनतम मृत्यु दर
अप्रवास
राजस्थान के सर्वाधिक व न्यूनतम दशकीय जनसंख्या वृद्धि दर वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
जनसंख्या वृद्धि दर
न्यूनतम
जनसंख्या वृद्धि दर
1
बाड़मेर
32.5 %
श्री गंगानगर
10 %
2
जैसलमेर
31.8 %
झुंझुनूं
11.7 %
3
जोधपुर
27.7 %
पाली
11.9 %
4
बांसवाड़ा
26.58 %
बूंदी
15.4 %
राजस्थान में सर्वाधिक ग्रामीण व नगरीय जनसंख्या वृद्धि दर वाले जिले
क्र. सं.
ग्रामीण
नगरीय
1
जैसलमेर
अलवर
2
बाड़मेर
दौसा
3
बांसवाड़ा
बारां
राजस्थान में न्यूनतम ग्रामीण व नगरीय जनसंख्या वृद्धि दर वाले जिले
क्र. सं.
ग्रामीण
नगरीय
1
कोटा
डूंगरपुर
2
श्री गंगानगर
प्रतापगढ़
3
झुंझुनूं
हनुमानगढ़
राजस्थान में जनसंख्या घनत्व
प्रति वर्ग किलोमीटर में रहने वाली जनसंख्या को ‘जनसंख्या घनत्व’ कहा जाता है।
2001 में राजस्थान का कुल जनसंख्या घनत्व 165 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर था।
2011 में राजस्थान का कुल जनसंख्या घनत्व 200 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
राजस्थान में 100 के कम जनसंख्या घनत्व वाले कुल 3 जिले है-
जैसलमेर
बीकानेर
बाड़मेर
मरुस्थलीय जिलों (पश्चिमी राजस्थान) में जनसंख्या घनत्व सबसे कम पाया जाता है।
राजस्थान के सर्वाधिक एवं न्यूनतम जनसंख्या घनत्व वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
जनसंख्या घनत्व
न्यूनतम
जनसंख्या घनत्व
1
जयपुर
595
जैसलमेर
17
2
भरतपुर
503
बीकानेर
78
3
दौसा
476
बाड़मेर
92
4
अलवर
438
चूरू
147
राजस्थान में लिंगानुपात
लिंगानुपात : प्रति हजार पुरुषों पर महिलाओं की संख्या लिंगानुपात कहलाता है।
राजस्थान में लिंगानुपात
लिंगानुपात
2001
2011
वृद्धि
कुल औसत
911
928
+ 7
शहरी क्षेत्र
890
914
+ 24
ग्रामीण क्षेत्र
930
933
+ 3
राजस्थान के सर्वाधिक व न्यूनतम लिंगानुपात वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
लिंगानुपात
न्यूनतम
लिंगानुपात
1
डूंगरपुर (सर्वाधिक)
994
धौलपुर (न्यूनतम)
846
2
राजसमंद
990
जैसलमेर
852
3
पाली
987
करौली
861
4
प्रतापगढ़
983
भरतपुर
880
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम शहरी लिंगानुपात वाले जिलें
क्र. सं.
सर्वाधिक
लिंगानुपात
न्यूनतम
लिंगानुपात
1
टोंक (सर्वाधिक)
985
जैसलमेर (न्यूनतम)
807
2
बांसवाड़ा
964
धौलपुर
864
3
प्रतापगढ़
963
अलवर
872
4
डूंगरपुर
951
श्री गंगानगर
878
5
राजसमंद
948
भरतपुर
887
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम ग्रामीण लिंगानुपात वाले जिलें
क्र. सं.
सर्वाधिक
लिंगानुपात
न्यूनतम
लिंगानुपात
1
पाली (सर्वाधिक)
1003
धौलपुर (न्यूनतम)
841
2
राजसमंद
998
करौली
856
3
डूंगरपुर
996
जैसलमेर
859
सर्वाधिक व न्यूनतम लिंगानुपात का कारण
क्र. सं.
सर्वाधिक लिंगानुपात के कारण
न्यूनतम लिंगानुपात के कारण
1
प्रति व्यक्ति आय कम होना।
प्रति व्यक्ति आय अधिक होना।
2
तकनीकी ज्ञान एवं सुविधा का अभाव।
तकनीकी ज्ञान एवं सुविधाओं का होना।
3
साक्षरता दर कम होना।
साक्षरता दर अधिक होना।
4
संयुक्त परिवार व्यवस्था होना।
एकल परिवार व्यवस्था होना।
5
दहेज प्रथा प्रचलित नहीं होना।
दहेज प्रथा का प्रचलन होना।
राजस्थान में बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष)
बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष) : प्रति हजार लड़कों पर लड़कियों की संख्या बाल लिंगानुपात कहलाता है।
राजस्थान में बाल लिंगानुपात (0-6 वर्ष)
बाल लिंगानुपात
2001
2011
कमी
कुल औसत
909
888
– 21
शहरी क्षेत्र
887
874
– 13
ग्रामीण क्षेत्र
914
892
– 22
राजस्थान में सर्वाधिक व न्यूनतम बाल लिंगानुपात वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
बाल लिंगानुपात
न्यूनतम
बाल लिंगानुपात
1
बांसवाड़ा
934
झुंझुनूं
837
2
प्रतापगढ़
933
सीकर
848
3
भीलवाड़ा
928
करौली
852
4
उदयपुर
924
श्री गंगानगर
854
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम शहरी बाल लिंगानुपात वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
बाल लिंगानुपात
न्यूनतम
बाल लिंगानुपात
1
नागौर
907
धौलपुर
841
2
बीकानेर
906
गंगानगर
842
3
भीलवाड़ा
904
दौसा
847
4
बारां
901
अलवर
851
5
चूरू
899
भरतपुर
852
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम ग्रामीण बाल लिंगानुपात वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
बाल लिंगानुपात
न्यूनतम
बाल लिंगानुपात
1
बांसवाड़ा
937
झुंझुनूं
832
2
प्रतपागढ़
936
सीकर
843
3
भीलवाड़ा
933
करौली
850
साक्षरता दर
साक्षरता : 6 वर्ष से अधिक आयु का व्यक्ति जो किसी भी भाषा को पढ़ने या लिखने में सक्षम हो उसे ‘साक्षर’ कहा जाता है।
बाड़मेर और चूरू में साक्षरता दर में कमी आई है तथा शेष सभी जिलों में साक्षरता दर में वृद्धि हुई है।
भारत में पुरुष एवं महिला साक्षरता दर में अन्तर सर्वाधिक है।
राजस्थान में औसत साक्षरता दर (66.11 %) से कम साक्षरता वाले 19 जिले हैं।
राजस्थान में साक्षरता दर
1961
2001
2011
साक्षरता दर
18.12 %
60.40 %
66.11 %
पुरुष साक्षरता दर
79.2 %
महिला साक्षरता दर
52.2 %
राजस्थान में सर्वाधिक व न्यूनतम साक्षरता दर वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
साक्षरता दर
न्यूनतम
साक्षरता दर
1
कोटा
76.6 %
जालौर
54.9 %
2
जयपुर
75.5 %
सिरोही
55.3 %
3
झुंझुनूं
74.1 %
प्रतापगढ़
56.0 %
4
सीकर
71.9 %
बांसवाड़ा
56.3 %
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम पुरुष साक्षरता दर वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
पुरुष साक्षरता दर
न्यूनतम
पुरुष साक्षरता दर
1
झुन्झुनूं
86.9 %
प्रतापगढ़
69.5 %
2
कोटा
86.3 %
बांसवाड़ा
69.5 %
3
जयपुर
86.1 %
सिरोही
70.0 %
4
सीकर
85.1 %
जालौर
70.7 %
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम महिला साक्षरता दर वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
महिला साक्षरता दर
न्यूनतम
महिला साक्षरता दर
1
कोटा
65.9 %
जालौर
38.5 %
2
जयपुर
64.0 %
जैसलमेर
39.7 %
3
झुंझुनूं
61.0 %
सिरोही
39.7 %
4
श्री गंगानगर
59.7 %
बाड़मेर
40.6 %
राजस्थान में शहरी साक्षरता दर
राजस्थान में शहरी साक्षरता दर
1961
2001
2011
शहरी साक्षरता दर
44.50 %
76.20 %
79.70 %
शहरी पुरुष साक्षरता दर
87.9 %
शहरी महिला साक्षरता दर
70.7 %
राजस्थान में सर्वाधिक व न्यूनतम शहरी साक्षरता दर वाले जिले (पुरुष + महिला)
सर्वाधिक
न्यूनतम
शहरी साक्षरता दर
उदयपुर
नागौर
शहरी पुरुष साक्षरता दर
उदयपुर
धौलपुर
शहरी महिला साक्षरता दर
उदयपुर
जालौर
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम शहरी साक्षरता दर वाले जिलें
क्र. सं.
सर्वाधिक
साक्षरता दर
न्यूनतम
साक्षरता दर
1
उदयपुर
87.5 %
नागौर
70.6 %
2
बांसवाड़ा
85.2 %
जालौर
71.1 %
3
प्रतापगढ़
84.8 %
चूरू
72.6 %
4
डूंगरपुर
84.4 %
धौलपुर
72.7 %
5
अजमेर
83.9 %
करौली
72.8 %
राजस्थान में ग्रामीण साक्षरता दर
राजस्थान में ग्रामीण साक्षरता दर
1961
2001
2011
ग्रामीण साक्षरता दर
12.90 %
55.30 %
61.40 %
ग्रामीण पुरुष साक्षरता दर
76.2 %
ग्रामीण महिला साक्षरता दर
45.8 %
राजस्थान में सर्वाधिक व न्यूनतम ग्रामीण साक्षरता दर वाले जिले (पुरुष + महिला)
सर्वाधिक
न्यूनतम
ग्रामीण साक्षरता
झुंझुनूं
सिरोही
ग्रामीण पुरुष साक्षरता
झुंझुनूं
सिरोही
ग्रामीण महिला साक्षरता
झुंझुनूं
सिरोही
राजस्थान में अनुसूचित जाति जनसंख्या
राजस्थान के कुल 2 जिलों में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 25 % से अधिक है। जैसे-
श्री गंगानगर
हनुमानगढ़
राजस्थान के कुल 12 जिलों में अनुसूचित जाति की जनसंख्या 20 % से अधिक है।
2011
कुल जनसंख्या
92.38 लाख
कुल जनसंख्या प्रतिशत
13.5 %
लिंगानुपात
948
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम अनुसूचित जाति जनसंख्या वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
न्यूनतम
1
जयपुर
डूंगरपुर
2
श्री गंगानगर
प्रतापगढ़
3
नागौर
बांसवाड़ा
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम अनुसूचित जाति जनसंख्या प्रतिशत वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
न्यूनतम
1
श्री गंगानगर
डूंगरपुर
2
हनुमानगढ़
बांसवाड़ा
3
करौली
उदयपुर
राजस्थान में अनुसूचित जनजाति जनसंख्या
राजस्थान के कुल 3 जिलों में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 50 या 60% से अधिक है। जैसे-
बांसवाड़ा
डूंगरपुर
प्रतापगढ़
राजस्थान के कुल 5 जिलों में अनुसूचित जनजाति की जनसंख्या 28 % से अधिक है। जैसे-
बांसवाड़ा
डूंगरपुर
प्रतापगढ़
सिरोही
उदयपुर
2011
कुल जनसंख्या
122.21 लाख
कुल जनसंख्या प्रतिशत
17.8 %
लिंगानुपात
923
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम अनुसूचित जनजाति जनसंख्या वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
न्यूनतम
1
उदयपुर
बीकानेर
2
बांसवाड़ा
नागौर
3
डूंगरपुर
चुरू
राजस्थान में सर्वाधिक एवं न्यूनतम अनुसूचित जनजाति जनसंख्या प्रतिशत वाले जिले
क्र. सं.
सर्वाधिक
न्यूनतम
1
बांसवाड़ा
नागौर
2
डूंगरपुर
बीकानेर
3
प्रतापगढ़
चुरू
राजस्थान में विभिन्न धर्मों की जनसंख्या
क्र. सं.
धर्म
प्रतिशत
सर्वाधिक जनसंख्या
सर्वाधिक प्रतिशत
1
हिन्दू
88.49
जयपुर
दौसा
2
मुस्लिम
9.07
जयपुर
जैसलमेर
3
सिख
1.27
श्री गंगानगर
श्री गंगानगर
4
जैन
0.91
जयपुर
उदयपुर
5
ईसाई
0.14
बांसवाड़ा
बांसवाड़ा
6
बौद्ध
0.02
अलवर
अलवर
जनसंख्या की दृष्टि से राजस्थान के सबसे बड़े शहर
जनसंख्या की दृष्टि से राजस्थान का सबसे बड़ा शहर जयपुर (30.46 लाख) है, जबकि बांसवाड़ा (1.01 लाख) सबसे छोटा शहर है।
जनसंख्या की दृष्टि से राजस्थान के सबसे बड़े शहर
क्र. सं.
शहर
जनसंख्या
1
जयपुर
30.46 लाख
2
जोधपुर
11.38 लाख
3
कोटा
10.02 लाख
4
बीकानेर
6.44 लाख
नोट :- जनगणना 2011 के अनुसार
राजस्थान के शहरीकृति जिले
शहरी जनसंख्या की दृष्टि से राजस्थान में सबसे अधिक व सबसे कम शहरीकृत जिलें
क्र. सं.
सर्वाधिक
शहरी जनसंख्या
न्यूनतम
शहरी जनसंख्या
1
कोटा
60.31 %
डूंगरपुर
6.39 %
2
जयपुर
52.40 %
बाड़मेर
6.98 %
3
अजमेर
40.08 %
बांसवाड़ा
7.10 %
4
जोधपुर
34.30 %
प्रतापगढ़
8.27 %
5
बीकानेर
33.86 %
जालौर
8.30 %
नोट :- जनगणना 2011 के अनुसार
जनसंख्या नीति
राजस्थान राज्य की जनसंख्या नीति : 20 जनवरी, 2000
राष्ट्रीय जनसंख्या नीति : 15 फरवरी, 2000
जनसंख्या नीति के उद्देश्य-
तात्कालिक : गर्भ निरोधक एवं स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध करवाना।
मध्यकालिक : 2010 तक कुल प्रजनन दर (TFR) को 2.1 तक लाना।
दीर्घकालिक : 2045 तक स्थिर जनसंख्या के लक्ष्य को प्राप्त करना।