राजस्थान के समाचार पत्र : विशेषताएं, महत्व

1. मजहरूल सरूर :-

  • शुरुआत : 1849 ई.
  • भाषा : हिन्दी, उर्दु
  • यह भरतपुर राज्य द्वारा प्रकाशित किया जाता था।
  • यह राजस्थान का पहला समाचार पत्र माना जाता है।

2. रोजतुल तालीम या राजपूताना अखबार :-

  • शुरुआत : 1856 ई.
  • भाषा : हिन्दी, उर्दु
  • यह कन्हैयालाल द्वारा जयपुर से प्रकाशित किया जाता था।

3. जोधपुर गवर्नमेंट गजट :-

  • शुरुआत : 1864 ई.
  • यह जोधपुर राज्य द्वारा प्रकाशित किया जाता था।

4. मारवाड़ गजट :-

  • शुरुआत : 1866 ई.
  • यह जोधपुर राज्य द्वारा प्रकाशित किया जाता था।

5. मरुधर मित्र :-

  • शुरुआत : 1866 ई.
  • यह जोधपुर राज्य द्वारा प्रकाशित किया जाता था।

6. उदयपुर गजट :-

  • शुरुआत : 1869 ई.
  • यह मेवाड़ राज्य द्वारा प्रकाशित किया जाता था।
  • 1879 ई. में मेवाड़ के राजा सज्जन सिंह ने इसका नाम बदलकर “सज्जन कीर्ति सुधाकर” कर दिया।

7. देश हितैषी :-

  • शुरुआत : 1882 ई.
  • यह मुन्नालाल वर्मा द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।

8. राजपूताना गजट :-

  • शुरुआत : 1885 ई.
  • यह मौलवी मुराद अली (बीमार) द्वारा अजमेर से प्रकाशिक किया जाता था।
  • मौलवी मुराद अली को बीमार के नाम से भी जाना जाता था।
  • सरकार की आलोचना करने के कारण मौलवी मुराद अली को जेल भेज दिया गया।
  • महिला पत्रकार ‘मोती बेगम’ भी इस समाचार पत्र से जुड़ी हुई थी।

9. राजपूताना हेराल्ड :-

  • शुरुआत : 1885 ई.
  • भाषा : अंग्रेजी
  • यह अंग्रेजी भाषा में राजस्थान का पहला समाचार पत्र था।
  • यह हनुमान सिंह द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • इसने राजस्थान में राजनीतिक चेतना का संचार किया।
  • इसने राजस्थान के एजेंट टू गवर्नर जनरल (AGG) ‘पाउलेट’ तथा जोधपुर के प्रधानमंत्री ‘सर प्रताप’ की आलोचना की थी।
    • बंगाल गजट :-
      • शुरुआत : 1779 ई.
      • यह आयरिशमैन जेम्स ऑगस्टस हिक्की द्वारा कलकत्ता से शुरू किया गया था।
      • यह अंग्रेजी भाषा में भारत का पहला समाचार पत्र था।
      • यह गवर्नर जनरल वारेन हेस्टिंग्स के प्रशासन की कड़ी आलोचना करता था।

10. राजस्थान समाचार :-

  • शुरुआत : 1889 ई.
  • यह मुंशी समर्थदान चारण द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • यह पहले साप्ताहिक समाचार पत्र था लेकिन 1904 ई. में इसे दैनिक समाचार पत्र कर दिया गया था।
  • पहले इसमें आर्य समाज से संबंधित समाचार प्रकाशित किये जाते थे लेकिन बाद में इसमें राजनीतिक समाचार भी प्रकाशित किये जाने लगे थे।
  • 1896 ई. में अंग्रेजों ने झालावाड़ के राजा ‘जालिम सिंह-द्वितीय’ को हटा दिया था अतः इस समाचार पत्र ने इसकी आलोचना की थी।

11. सर्वहित :-

  • शुरुआत : 1890 ई.
  • यह बूंदी राज्य द्वारा प्रकाशित किया जाता था।
  • इस पर मुद्रण संख्या भी लिखी जाती थी।

12. राजस्थान केसरी :-

  • शुरुआत : 1920 ई.
  • इसका नामकरण केसरी सिंह बाहरठ के नाम पर किया गया।
  • यह विजय सिंह पथिक द्वारा द्वारा वर्धा से प्रकाशित किया जाता था।
  • सम्पादक : विजय सिंह पथिक
  • उपसम्पादक : रामनारायण चौधरी
  • जब विजयसिंह पथिक अजमेर चला गया तब सत्यदेव विद्यालंकार ने इसका प्रकाशन किया।
  • इसको वित्तीय सहायता जमनालाल बजाज द्वारा दी जाती थी।
  • कालांतार से इसे अजमेर से भी प्रकाशित किया गया।
  • 1922 ई. में इसे बंद कर दिया गया।

13. नवीन राजस्थान :-

  • शुरुआत : 1922 ई.
  • यह विजय सिंह पथिक द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • सम्पादक : किशोरसिंह वर्मा
  • यह राजस्थान सेवा संघ का प्रमुख समाचार पत्र था।
  • इसमें किसान आंदोलनों की खबरे प्रकाशित होती थी।
  • इसका ध्यये वाक्य (स्लोगन) :-
    • “धन, वैभव की चाह नहीं, चाह नहीं जीवन रहे ना रहे।
    • चाह है तो बस यह है, जग में स्वेच्छाचार दमन ना रहे।।”
  • 1923 ई. में इस पर प्रतिबंध लगा दिया गया। इसलिए इसे ‘तरूण राजस्थान’ के नाम से प्रारंभ किया गया।

14. तरूण राजस्थान :-

  • शुरुआत : 1923 ई.
  • यह रामनारायण चौधरीशोभालाल गुप्त द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • ‘नवीन राजस्थान’ नामक समाचार पत्र का ही नाम बदलकर ‘तरुण राजस्थान’ किया गया था।
  • इसमें किसान आंदोलनों की खबरें प्रकाशित होती थी।
  • जयनारायण व्यास ने इसे व्याबर से प्रकाशित किया।

15. आर्य मार्तंड :-

  • शुरुआत : 1923 ई.
  • यह रामसहाय द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • इसमें विधवा विवाह के विज्ञापन निःशुल्क प्रकाशित किये जाते थे।

16. राजस्थान/राजस्थान वीकली :-

  • शुरुआत : 1923 ई.
  • यह ऋषि दत्त मेहता द्वारा ब्यावर से प्रकाशित किया जाता था।
  • इसकी शुरुआत हाड़ौती क्षेत्र में जागरूकता के लिए की गई थी।
  • यह साप्ताहिक समाचार पत्र था

17. त्यागभूमि :-

  • शुरुआत : 1927 ई.
  • यह हरिभाऊ उपाध्यायक्षेमानन्द राहत द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • यह गांधिवादी विचारधारा को प्रोत्साहन देता था।
  • इसमें कुल 64 पेज होते थे, जिसमें से 16 पेज पर केवल महिलाओं से संबंधित होते थे।
  • इसमें महिलाओं के 16 पेज वाले कॉलम को ‘आधी दुनिया’ कहा जाता था।

18. यंग राजस्थान :-

  • शुरुआत : 1929 ई.
  • यह रामनारायण चौधरीशोभालाल गुप्त द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • यह ‘तरुण राजस्थान’ समाचार पत्र का अंग्रेजी संस्करण था।

19. नवज्योति :-

  • शुरुआत : 2 अक्टूबर, 1936
  • यह रामनारायण चौधरी द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • कालांतर में यह रामनारायण चौधरी के भाई ‘कैप्टन दुर्गाप्रसाद चौधरी’ द्वारा प्रकाशित किया जाने लगा था।

20. नवजीवन :-

  • शुरुआत : 1939 ई.
  • यह नारायण सिंहकनक मधुकर द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • कनक मधुकर ने इसे उदयपुर से भी प्रकाशित किया था।

21. प्रजा सेवक :-

  • शुरुआत : 1940 ई.
  • यह अचलेश्वर प्रसाद शर्मा द्वारा जोधपुर से प्रकाशित किया जाता था।

22. जयभूमि :-

  • शुरुआत : 1940 ई.
  • यह गुलाब चन्द काला द्वारा जयपुर से प्रकाशित किया जाता था।

23. जयपुर समाचार :-

  • शुरुआत : 1942 ई.
  • यह श्यामलाल शर्मा द्वारा जयपुर से प्रकाशित किया जाता था।

24. राजस्थान हेराल्ड :-

  • शुरुआत : 1942 ई.
  • यह केसरलाल जैन द्वारा जयपुर से प्रकाशित किया जाता था।

25. प्रचार :-

  • शुरुआत : 1942 ई.
  • यह प्रियतम कामदार द्वारा अजमेर से प्रकाशित किया जाता था।
  • इसका ध्यये वाक्य (स्लोगन) :-
    • “चोर, पापी तथा उल्लू अंधेरा चाहते हैं
    • लेकिन प्रचार पब्लिक की सर्चलाइट है।”

26. लोकवाणी :-

  • शुरुआत : 1943 ई.
  • यह देवीशंकर तिवाड़ी द्वारा जयपुर से प्रकाशित किया जाता था।
  • यह जमनालाल बजाज की याद में शुरू किया गया था।

27. रियासती :-

  • यह सुमनेश जोशी द्वारा जोधपुर से प्रकाशित किया जाता था।
  • इसने जोधपुर के पाकिस्तान में विलय की खबर प्रकाशित की थी।

28. विश्वामित्र :-

  • यह फूलचन्द अग्रवाल द्वारा कलकत्ता से प्रकाशित किया जाता था।
  • इसमें समाजसुधार से संबंधित खबरें प्रकाशित की जाती थी।

29. वैभव :-

  • यह जगन्नाथ दास अधिकारी द्वारा भरतपुर से प्रकाशित किया जाता था।

30. विजय :-

  • यह जैसलमेर से प्रकाशित होता था।

31. जयहिन्द :-

  • यह कोटा से प्रकाशित होता था।

32. आंगीबाण :-

  • यह ब्यावर से प्रकाशित होता था।

33. लोक सेवक :-

  • यह पण्डित अभिन्न हरि द्वारा प्रकाशित किया गया।

  • समाचार पत्रों के कारण-
    • राजस्थान में राजनीतिक चेतना का संचार हुआ।
    • राजस्थान, राष्ट्रीय आंदोलनों से जुड़ पाया।
    • किसान तथा प्रजामंडल आंदोलनों को बल मिला।
    • जनहित के मुद्दे प्रकाशित हुए जिससे राजाओं पर दबाव बना।
    • महिलाओं से संबंधित कुरीतियों के बारे में बताया गया। अतः समाज द्वारा उन कुरीतियों को दूर किया गया जिससे महिला सशक्तिकरण को बल मिला।
    • अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता को बढ़ावा मिला।
    • देशी रियासतों की जनता की आवाज ब्रिटिश सरकार अधिक समय तक दबा नहीं पाई।
  • समाज सुधार संगठनों ने इनका प्रकाशन किया, जिससे समाज सुधारों को गति मिली।

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